Hindi, asked by sanavar95, 1 year ago

poem on rain in Hindi lines

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Answered by ridhisharma
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बारिश  जब  आती  है ढेरो  खुशिया  लाती  है
प्यासी  धरती  की  प्यास  बुझाती  हैधुलो  का  उड़ना  बंद  कर  जाती  हैमिटटी  की  भीनी  सुगंध  फैलाती  है
बारिश  जब  आती  है ढेरो  खुशिया  लाती  है

भीषण  गर्मी  से  बचाती  हैशीतलता  हमें  दे  जाती  हैमुसलाधार  प्रहारों  से  पतझड़  को  भागाती  हैबहारो  का  मौसम  लाती  है

बारिश  जब  आती  है ढेरो  खुशिया  लाती  है

चारो  ओर  हरियाली  फैलाती  हैनदियों  का  पानी  बढाती  हैतालाबो  को  भर  जाती  है

बारिश  जब  आती  है ढेरो  खुशिया  लाती  है
Answered by sushmitha8318
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Answer:

मुझे  \: भरोसा \:  है  \:  \\ ये \:  काम \:  करेगा

मेघ  \: आये  \: बड़े  \: बन- \: ठन  \: के, \:  सँवर \:  के। \\ </p><p>आगे-आगे  \: नाचती – गाती  \: बयार \:  चली \\ </p><p>दरवाजे- \: खिड़कियाँ  \: खुलने \:  लगी \:  गली-गली \\ </p><p>पाहुन  \: ज्यों  \: आये \:  हों \:  गाँव  \: में \:  शहर \:  के। \\ </p><p>पेड़  \: झुक  \: झाँकने  \: लगे  \: गरदन  \: उचकाये \\ </p><p>आँधी  \: चली,  \: धूल \:  भागी  \: घाघरा  \: उठाये \\ </p><p>बांकीचितवन  \: उठा  \: नदी,  \: ठिठकी, \:  घूँघट  \: सरके। \\ </p><p>बूढ़े़ \:  पीपल \:  ने  \: आगे  \: बढ़  \: कर जुहार \:  की \\ </p><p>‘बरस  \: बाद \:  सुधि  \: लीन्ही’ \\ </p><p>बोली  \: अकुलाई  \: लता  \: ओट  \: हो किवार \:  की \\ </p><p>हरसाया  \: ताल  \: लाया \:  पानी \:  परात  \: भर \:  के। \\ </p><p>क्षितिज  \: अटारी \:  गदरायी \:  दामिनि \:  दमकी \\ </p><p>‘क्षमा  \: करो \:  गाँठ  \: खुल  \: गयी \:  अब  \: भरम  \: की’ \\ </p><p>बाँध  \: टूटा  \: झर-झर  \: मिलन  \: अश्रु \:  ढरके \\ </p><p>मेघ  \: आये  \: बड़े  \: बन-ठन  \: के, \:  सँवर \:  के। \\

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