Poem on Sh. Bankim Chandra Chattopadhyay (Chatterjee): an inspiration to the Indian freedom fighters
Answers
गुलामी की जंजीरों में जकड़े भारत का रोज होता अपमान,
सपना देखा भारत की आजादी का संघर्ष किया अभिराम I
न तीर से न तलवार से कलम से कुछ ऐसे किए काम,
सोए भारत को नींद से जगाया नया बनाया मकाम II
भारत के राष्ट्रीय गीत का निर्माण कर आजादी का जयघोष किया,
देशवासियों को हो राष्ट्र के प्रति प्रेम, ऐसी रचनाओं को निर्माण किया I
भारतीयों का अपमान करने पर, कर्नल को माफ़ी मांगने पर मजबूर किया,
देश के युवा भटक रहे थे अन्धकार में, “आनंदमठ” से प्रकाश दिया II
अपने लेखन से क्रांतिकारियों का हौंसला बढ़ाया था,
झुको नहीं आगे बढ़ो अपने हक़ के लिए लड़ो, ऐसा पाठ सुनाया था I
यह देश तुम्हारा है, यह जमीं तुहारी है, यह आसमां तुम्हारा है,
जुट गए देश सब सेवा में, इस तरह नव भारत का आधार बनाया था II
Inspiration to Freedom Fighters
By nature, a king & a leader, ever he guided
In tranquillity and light that he waded
Though his way was always with words
He wielded it like a hero’s swords.
Being part of the dreariest of times
Knew he not any delight or smiles
He filled his nation with the smell of roses
The delightful voice that spoke in verses.
We hail you, O master of words and will
You bared your soul to good and ill
You altered at will and touched our souls
Through men’s brave hearts and women’s soothing looks!