Math, asked by shriya111111, 1 year ago

poem on sky in hindi

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Answered by sussan5577
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जितना तुम्हें दिखता है,
आकाश सिर्फ़ उतना ही नहीं है.

आकाश तो बहुत विशाल है,
बहुत सुन्दर,विविधता से भरा,
वह कभी कहीं नहीं जाता,
हमेशा वहीँ रहता है,
बस तरह-तरह के रंग दिखाता है,
कभी नीला,कभी लाल,कभी सफ़ेद
और कभी-कभार इन्द्र-धनुषी.

कभी उसपर सितारे बिखर जाते हैं,
कभी चाँद निकल आता है,
कभी सूरज चमक उठता है,
कभी बादल छा जाते हैं.

मैं सच कह रहा हूँ,
आकाश वास्तव में ऐसा ही है,
कभी दीवारों से बाहर निकलो,
कभी खुले में आओ, तो जानो 
कि जिसे तुम पूरा आकाश समझते थे,
वह तो उसका एक छोटा सा टुकड़ा था.

shriya111111: this poem is on net also
shriya111111: yes or no
shriya111111: or you made this poem
Answered by arpita67
0
आसमान पर छाए बादल 
बारिश लेकर आए बादल 
गड़-गड़, गड़-गड़ की धुन में 
ढोल-नगाड़े बजाए बादल 
बिजली चमके चम-चम, चम-चम 
छम-छम नाच दिखाए बादल 
चले हवाएँ सन-सन, सन-सन 
मधुर गीत सुनाए बादल 
बूँदें टपके टप-टप, टप-टप 
झमाझम जल बरसाए बाद ल 
झरने बोले कल-कल, कल-कल 
इनमें बहते जाए बादल 
चेहरे लगे हँसने-मुसकाने 
इतनी खुशियाँ लाए बादल 

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