Hindi, asked by ganti5kartik6, 1 year ago

poem on sun in hindi

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Answered by kopal
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Answered by aarti18
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कविता  : सूरज का गोला सूरज का गोला  इसके पहले ही कि निकलताचुपके से बोला, हमसे – तुमसे, इससे – उससेकितनी चीजों से
चिडियों से पत्तों सेफूलो – फल से, बीजों से-
“मेरे साथ – साथ सब निकलोघने अंधेरे से कब जागोगे, अगर न जागे, मेरे टेरे से?”
आगे बढकर आसमान नेअपना पट खोला
इसके पहले ही कि निकलता सूरज का गोला
फिर तो जाने कितनी बातें हुईं,कौन गिन सके इतनी बातें हुईं,पंछी चहके कलियां चटकीडाल – डाल चमगादड लटकीगांव – गली में शोर मच गयाजंगल – जंगल मोर नच गया
जितनी फैली खुशियांउससे किरनें ज्यादा फैलीं.ज्यादा रंग घोलाऔर उभर कर ऊपर आयासूरज का गोला
सबने उसकी आगवानी में अपना पर खोला ।
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