Hindi, asked by priyanshu4159, 1 year ago

Poem on terrorism inhindi|| आतंकवाद पर कविता हिंदी ...

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Answered by Adarsh0903
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आज फिर हवा का रुख बदलते देखा

'आँखो में नया प्रतिशोध पलते देखा,

दबी देखी निशानियाँ हमने अपनों को

बहते आँसुओं से चिंगारी निकलते देखा,

दिल और आग हो गया जब हमने

धुंए में शहर-ओ-शहर मिलते देखा,

कसूर कोई नहीं था मासूमों का लेकिन

'बलि आतंकवाद की उनको चढ़ते देखा,

आज फिर उस राख से धुआँ उठता है

खुशियां थी जहां चिताएं भी जलते देखा,

कर लेते हैं लोग मौत पर भी राजनीति

यहां बाद तबाही के हाथ मलते देखा,

वो ज़हर बो रहे हैं और ज़हर ही काटेंगे

देखा जब भी उनको ईमान बदलते देखा !

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