Poems about waterfalls in hindi
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Heya mate!!Here is poem on waterfall in hindi♡♡
तमाम शोरगुल से भरे माहौल में
स्मृतियो की ऊँची पहाड़ी पर टिका
अक्सर वक्त-बेवक्त झरने लगता है
मन के भीतर का झरना
कई-कई जंगलों के बेतरतीब से पेड़ो मुलाक़ात करते
टेबो-घाटी के कई-कई खूबसूरत मोड़ों के सूनेपन
से गुज़रते निहारते उन्हें
आती है दूर से पुकारती हिरनी झरने की आवाज़
अपने करीब और करीब बुलाती हुई
आदिवासी नृत्य के मोहक घेरे में फँसे मन में पसरता
उनके गीतों से टपकता आदिम उल्लास
मुंडारी के बोल न जानने के बावजूद
और तेज होने लगी थी पानी के गिरने की आवाज़
एक ज़ादू के देश में पहुँच गए थे हम
गँवाकर बीते समय की सारी याददाश्त
ऊपर समझदार लड़की की तरह सलीके से
बही जा रही थी पहाड़ी पथ्थरों पर हिरनी नदी
दिखी औचक बदलती हुई पाला
उछल कर कूद पड़ी नीचे की ओर
दौड़ा बचाने को पीछे से आता पानी का रेला
पर वह भागी जाती थी कुलाँचे भरती हिरनी की तरह
सारे अवरोधों को रौंदती-कुचलती
कितना मादक और कितना सुरीला पथ्थरों पर
पानी का संगीत
क़ुदरत ने कैसे किया होगा इस इंद्रजाल का अविष्कार
तमाम शोरगुल से भरे माहौल में
स्मृतियो की ऊँची पहाड़ी पर टिका
अक्सर वक्त-बेवक्त झरने लगता है
मन के भीतर का झरना
कई-कई जंगलों के बेतरतीब से पेड़ो मुलाक़ात करते
टेबो-घाटी के कई-कई खूबसूरत मोड़ों के सूनेपन
से गुज़रते निहारते उन्हें
आती है दूर से पुकारती हिरनी झरने की आवाज़
अपने करीब और करीब बुलाती हुई
आदिवासी नृत्य के मोहक घेरे में फँसे मन में पसरता
उनके गीतों से टपकता आदिम उल्लास
मुंडारी के बोल न जानने के बावजूद
और तेज होने लगी थी पानी के गिरने की आवाज़
एक ज़ादू के देश में पहुँच गए थे हम
गँवाकर बीते समय की सारी याददाश्त
ऊपर समझदार लड़की की तरह सलीके से
बही जा रही थी पहाड़ी पथ्थरों पर हिरनी नदी
दिखी औचक बदलती हुई पाला
उछल कर कूद पड़ी नीचे की ओर
दौड़ा बचाने को पीछे से आता पानी का रेला
पर वह भागी जाती थी कुलाँचे भरती हिरनी की तरह
सारे अवरोधों को रौंदती-कुचलती
कितना मादक और कितना सुरीला पथ्थरों पर
पानी का संगीत
क़ुदरत ने कैसे किया होगा इस इंद्रजाल का अविष्कार
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