Poems based on stars.sky.mountains.river.earth
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मन करता है सूरज बनकर
आसमान में दौड़ लगाऊँ।
मन करता है चंदा बनकर
सब तारों पर अकड़ दिखाऊँ।
मन करता है बाबा बनकर
घर में सब पर धौंस जमाऊँ।
मन करता है पापा बनकर
मैं भी अपनी मूँछ बढ़ाऊँ।
मन करता है तितली बनकर
दूर-दूर उड़ता जाऊँ।
मन करता है कोयल बनकर
मीठे-मीठे बोल सुनाऊँ।
==============
hope helped.!
आसमान में दौड़ लगाऊँ।
मन करता है चंदा बनकर
सब तारों पर अकड़ दिखाऊँ।
मन करता है बाबा बनकर
घर में सब पर धौंस जमाऊँ।
मन करता है पापा बनकर
मैं भी अपनी मूँछ बढ़ाऊँ।
मन करता है तितली बनकर
दूर-दूर उड़ता जाऊँ।
मन करता है कोयल बनकर
मीठे-मीठे बोल सुनाऊँ।
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