poems of poet siya ramcharan gput
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1) ek phool ki chah
2) mai to vahi khilona lunga.
hope it helps u plzzzzzzzzzzzzzzzzz mark my ans as brainelist if helpful
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Poems of poet SIYARAM SHARN GUPT(सियाराम शरण गुप्त)
↪हम सब के थे प्यारे बापू
हम सब के थे प्यारे बापू
सारे जग से न्यारे बापू
जगमग-जगमग तारे बापू
भारत के उजियारे बापू
लगते तो थे दुबले बापू
थे ताक़त के पुतले बापू
↪विदा के समय
जाता हूँ जाने दो मुझको,
हूँ मैं सरित - प्रवाह;
जाकर फिर फिर आ जाने की
मेरे मन में चाह!
SOME TITTLE OF HIS POEMS ARE:-
⭐विषाद, आद्रा, अनाथ, उन्मुक्त, गोपिका, मृण्मयी, पुण्य पर्व, गोद, नारी, मानुषी, अन्तिम आकांक्षा, झूठ-सच आदि।
@Altaf
vasudha3685167:
hii
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