poems on nature in hindi
Answers
Answered by
12
Heya mate
Here is ur answer
There are 2 poems I have
हमें तो जब कभी भी कोई फूल है नज़र आया
तो उसके रूप की कशिश ने हमें है लुभाया,
जो तारीफ़ ना कर सके कुदरती करिश्मों की
तो फिर क्यों हमने ये मानव का जन्म है पाया
2. पेड़ की एक आस
पेड़ो से पूछा मैंने यू ही एक रोज़
क्यों नहीं है तुम अंदर अब वो पहले जैसा जोश,
क्यों नहीं तुम्हारे नीचे बैठ कर
आती नहीं वो पहले जैसी बात,
जब शाम ढला करती थी
न जाने कब हो जाती थी रात,
Hope U mark brainliest and follow me
Here is ur answer
There are 2 poems I have
हमें तो जब कभी भी कोई फूल है नज़र आया
तो उसके रूप की कशिश ने हमें है लुभाया,
जो तारीफ़ ना कर सके कुदरती करिश्मों की
तो फिर क्यों हमने ये मानव का जन्म है पाया
2. पेड़ की एक आस
पेड़ो से पूछा मैंने यू ही एक रोज़
क्यों नहीं है तुम अंदर अब वो पहले जैसा जोश,
क्यों नहीं तुम्हारे नीचे बैठ कर
आती नहीं वो पहले जैसी बात,
जब शाम ढला करती थी
न जाने कब हो जाती थी रात,
Hope U mark brainliest and follow me
Answered by
0
Poems on nature in hindi
Explanation:
- सूरज ढल कर संध्या पहुंचा, संध्या आयी छायी, सो संध्या सी सो संख्या थी ,
- क्यों उठाते उठते सोचा था , दिन मैं होगी बात नईउ लो दिन गया लो रात गयी।
- ये आती जाती रातें बतलातिउ है बोहोत समय, समय पे किसका ज़ोर चला है।
- चलता तो इंसान चला है रोक सके तो कोई रोक ले इस वक़्त की धरा।
Learn more: संध्या, सूरज
https://brainly.in/question/14370802:
Similar questions
Biology,
7 months ago
English,
7 months ago
Computer Science,
7 months ago
Science,
1 year ago
History,
1 year ago