Social Sciences, asked by kumarravikant53, 9 months ago

prabhavi lekhan ke gunon per Prakash daliyeprabhavi lekhan ke gunon per Prakash daliye 800 shabdon mein ​

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Answered by simran474963
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जिस तरह से हमारे आस-पास की दुनिया में बदलाव आया है आजकल प्रत्येक व्यक्ति को चाहे वो किसी भी उम्र का हो, या किसी भी तरह की नौकरी करता हो या किसी भी पद पर हो - उसे लिखना पड़ता है। चाहे वो स्कूल में दिये जाने वाले काम हों, कोई रिपोर्ट बानानी हो या फिर बिल पर हस्ताक्षर करना हो - सभी लिखते हैं।

उनमें से कुछ लोग जिन्हें लिखना पड़ता है वह वास्तव में लिखने का आनंद लेते हैं लेकिन कई लोग के लिए लेखन सिर्फ दिनचर्या के काम से ज्यादा कुछ भी नहीं हैं। इन लोगों के साथ समस्या यह है कि वे इसके बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचते कि किस तरह लिखना चाहिये। जिसके परिणामस्वरूप उनकी लेखन शैली अधिक समय लेने वाली, गलत और असंतोषजनक होती है।

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