Hindi, asked by shimpidas995316, 4 months ago

pradhanacharya ka pad parichay​

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Answered by deepak5954
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पद परिचय (Pad prichay) की परिभाषा

वाक्य में शब्दों के प्रयुक्त होने पर शब्द पद कहलाते हैं। वाक्य में शब्द नहीं, पद होते हैं। वाक्य में प्रत्येक पद के स्वरूप तथा अन्य पदों के साथ उसका संबंध बताने की क्रिया को पद-परिचय कहते हैं।

पदपरिचय का अर्थ है वाक्य में प्रयुक्त पदों का व्याकरणिक परिचय देना। 'पदनिर्देश', 'पदच्छेद', 'पदविन्यास', पदपरिचय के ही पर्यायवाची शब्द हैं। पदपरिचय में वाक्य के पदों का परिचय, उनका स्वरूप एवं दूसरे पदों के साथ उनके संबंध को दर्शाना होता है, अर्थात व्याकरण संबंधी ज्ञान की परीक्षा और उस विद्या के सिद्धांतों का व्यावहारिक उपयोग ही पदपरिचय का मुख्य उद्देश्य है।

पद परिचय के भेद

प्रयोग के आधार पर पद परिचय आठ प्रकार के होते हैं-

(1) संज्ञा (2) सर्वनाम (3) विशेषण (4) अव्यय (5) क्रियाविशेषण (6) क्रिया (7) संबंधबोधक (8) समुच्चयबोधक

(1) संज्ञा का पदपरिचय:- वाक्य में संज्ञापदों का पदपरिचय करते समय संज्ञा, संज्ञा के भेद, लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया या अन्य पदों के साथ उसका संबंध बतलाना आवश्यक है।

उदाहरण1- हिमालय भारत का पहाड़ है। उपर्युक्त वाक्य में 'हिमालय' 'भारत' और 'पहाड़' संज्ञापद है।

इनका पदपरिचय निम्नलिखित तरीके से किया जाएगा-

हिमालय : व्यक्तिवाचक संज्ञा, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक 'है' क्रिया का कर्ता है।

भारत : व्यक्तिवाचक संज्ञा, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, संबंधकारक इस पद का संबंध 'पहाड़' से हैं।

पहाड़ : जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक।

दूसरा उदाहरण- लंका में राम ने वाणों से रावण को मारा।

इस वाक्य में 'लंका', 'राम', 'वाणों', और 'रावण' चार संज्ञा पद हैं। इनका पद परिचय इस प्रकार होगा।

लंका : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्त्ता कारक, 'मारा' क्रिया का आधार।

राम : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्त्ता कारक, 'मारा' क्रिया का कर्त्ता।

वाणों : संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, बहुवचन, करण कारक, 'मारा' क्रिया का कर्म।

रावण : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक

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