Hindi, asked by sanjaykumar647, 1 year ago

Pradushan Ke Karan Hindi mein essay

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Answered by shravani45
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प्रदुषण शब्द आज से नही, प्राचीन समय से चला आ रहा है|

जब व्यक्ति खानाबदोश हुआ करता था, अपने खाने की खोज में जगह-जगह भटकता था| फिर धीरे से उसने अग्नि का अविष्कार कर खाना बनाना प्रारंभ किया| जिसके साथ ही उसने वातावरण को दूषित करना आरम्भ कर दिया| शुरू में मनुष्य का दिमाग इतना विकसित नही हुआ करता था| जिसके बावजूद भी उसने अनजाने में ऐसे कार्य किये जिसे प्रदुषण आरम्भ हुआ, जैसे-

जंगलों की लकड़ी काटना

अग्नि का उपयोग

पशुओ को मार कर खाना

नदी व अन्य जलस्त्रोतो का गलत तरीके से उपयोग

बिना सोंचे चीजों का उपयोग और गंदगी फैलाना

अर्थात् जब मानव का दिमाग पूर्णत: विकसित नही हुआ था, तब से प्रदुषण भारत मे चला आ रहा है| परन्तु बदले समय के साथ जैसे-जैसे मनुष्य के दिमाग का विकास हुआ, वैसे-वैसे वस्तुओं का उपयोग बदलता चला गया| विलासिता का जीवन जीने के लिये, मनुष्य ने प्राक्रतिक वस्तुओं का बहुत ही शीघ्रता से हनन करना प्रारंभ किया| जैसे-

कल-कारखानों के उपयोग के लिए लकड़ियों का ऐसा प्रयोग करना, जिसके चलते पूरे-पूरे वनों और जंगलो को तक नष्ट कर दिया|

प्राक्रतिक वस्तुए जैसे- कोयला, खनिज पदार्थ , तेल की खदानों का बिना सोंचे समझे शीघ्रता से दुरुपयोग करना|जिसके की निर्माण में सालो लग जाते है|

नदियों, तालाबो अब तो सागर के जल को भी बहुत दूषित कर दिया है|

यह तो सिर्फ वह तथ्य थे, जिन्हें हम बचपन से पढ़ते-सुनते हुए आये है| परन्तु बदलाव आज तक नही हुए, जिसके चलते कई लोगो की मृत्यु और कई लाइलाज रोग के शिकार हुये|

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