Pragati ki aur bahrat ke badhte kadam par anuched
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यह पूरे भारत के लिए एक गर्व की बात है कि अब हमने भू-स्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान के साथ अंतरिक्ष में मनुष्य को ले जाने वाले यान का भी सफल प्रक्षेपण करके इस क्षेत्र में अमरीका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बनने का गौरव प्राप्त किया है। इस बड़ी उपलब्धि के लिए इसरो के वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं। इसके लिए उनकी वर्षों की मेहनत रंग लाई है। इसके जरिए अंतरिक्ष में तीन लोगों को ले जाया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट पर मात्र 155 करोड़ लागत आना भी सराहनीय है। इसमें कोई दो राय नहीं कि आजादी के बाद देश ने अध्यात्म, खेलों, कृषि व औद्योगिक विकास के साथ-साथ विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में बहुत तरक्की की है। हाल ही में मंगलयान के सफल प्रक्षेपण को मील का पत्थर कहा जा सकता है। इसके जरिए भारत ने विज्ञान और तकनीकी के दम पर पूरे संसार को आचंभित किया था। इससे न केवल हमारे पड़ोसी, बल्कि बमरीका सरीखे विकसित देश भी काफी प्रभावित हुए थे। इसी कड़ी में भारत के हाल ही के प्रक्षेपण को कमतर नहीं आंका जा सकता। मोदी स्वयं देश के वैज्ञानिकों का समय-समय पर हौसला बढ़ाते रहे हैं। इसके अलावा अब देश अन्य क्षेत्रों में विकास की नित नई इबारतें लिख रहा है। इसे वर्तमान उत्साह से भरी मोदी सरकार और देशवासियों के कड़े प्रयासों का ही नतीजा माना जाएगा। देश में विकास का दौर न थमे और अमन शांति का माहौल यथावत रहे। यही हमारी कामना है.
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