Prakriti ke upar Ek Kavita Das line Mein in Hindi
Answers
Answered by
11
Explanation:
. अगर पेड़ भी चलते होते,
कितने मजे हमारे होते।
बाँध तने से उसके रस्सी,
चाहे जहाँ कहीं ले जाते।
जहाँ कहीं भी धूप सताती,
उसके नीचे झट सुस्ताते,
जहाँ कहीं वर्ष हो जाती,
उसके नीचे हम छिप जाते।
लगती जब भी भूख अचानक,
तोड़ मधुर फल उसके खाते,
आती कीचड़, बाढ़ कहीं तो,
झट उसके ऊपर चढ़ जाते।
अगर पेड़ भी चलते होते,
कितने मजे हमारे होते।
Answered by
4
ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है हमसे
ये हवाओ की सरसराहट
ये पेड़ो पर फुदकते चिड़ियों की चहचहाहट
ये समुन्दर की लहरों का शोर
ये बारिश में नाचते सुंदर मोर
कुछ कहना चाहती है हमसे
ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है हमसे
ये खुबसूरत चांदनी रात
ये तारों की झिलमिलाती बरसात
ये खिले हुए सुन्दर रंगबिरंगे फूल
ये उड़ते हुए धुल
कुछ कहना चाहती है हमसे
ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है हमसे
ये नदियों की कलकल
ये मौसम की हलचल
ये पर्वत की चोटियाँ
ये झींगुर की सीटियाँ
कुछ कहना चाहती है हमसे
ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है।
धन्यवाद ।
Similar questions