Prashan aur Mausami berojgari mein kya Antar hai sst question in hindi
Answers
Answer:
Jo Permanent Berozgari hoti hai usme insaan ke paas kamane ka koi saadhan nahi hota isliye vo gareeb ka gareeb hi reh jata hai.
Mausami Berozgari thodi alag hai kyunki isme mausam ke hisaab se kaam milta hai jese agar garmi hai toh koi thandi cheez ka kaam karega but thandi mein vo esa kaam nahi kar paaega jisse vo sardi mein berozgaar ho jata hai. Jese ki Ice-Cream waala Garmi mein rozgaar hota hai but Sardi mein berozgaar ho jata hai
Explanation:
मौसमी बेरोजगारी :::: इस प्रकार की बेरोजगारी कृषि क्षेत्र में पाई जाती है. कृषि में लगे लोगों को कृषि की जुताई, बोवाई, कटाई आदि कार्यों के समय तो रोजगार मिलता है लेकिन जैसे ही कृषि कार्य ख़त्म हो जाता है तो कृषि में लगे लोग बेरोजगार हो जाते हैं.
प्रच्छन्न बेरोजगारी ::: प्रच्छन्न बेरोजगारी उस बेरोजगारी को कहते हैं जिसमे कुछ लोगों की उत्पादकता शून्य होती है अर्थात यदि इन लोगों को उस काम में से हटा भी लिया जाये तो भी उत्पादन में कोई अंतर नही आएगा. जैसे यदि किसी फैक्ट्री में 100 जूतों का निर्माण 10 लोग कर रहे हैं और यदि इसमें से 3 लोग बाहर निकाल दिए जाएँ तो भी 100 जूतों का निर्माण हो जाये तो इन हटाये गए 3 लोगों को प्रच्छन्न रूप से बेरोजगार कहा जायेगा. भारत की कृषि में इस प्रकार की बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है.