Hindi, asked by mahipalmahi5659, 3 months ago

prastut path ek nibandh hai nibandh gadhy sahitya ki utkrishth vidha hai jisme lekhak apne bhawo aur vicharo ko kalatamk aur lalityapuran saiily me abhivyakt karta hai is nibandh me uparyukt visestaye Kahan jalkti hai kinhi char ka ullekh kijiye

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Answered by vaishnavishewale1212
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सुसिदुडिरा सोसियुटच्छड्याऊर्सकभगोंजच

Answered by deepakhati
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(1) प्रतिदिन प्रात:काल यह भक्त कुत्ता स्तब्ध होकर आसन के पास तब तक बैठा रहता है, जब तक अपने हाथों के स्पर्श से मैं इसका संग स्वीकार नहीं करता। इतनी सी स्वीकृति पाकर ही उसके अंग-अंग में आनंद का प्रवाह बह उठता है।

(2) इस बेचारी को ऐसा कुछ भी शौक नहीं है, इसके जीवन में कहाँ गाँठ पड़ी है, यह सोच रहा हूँ।

(3) उस समय भी न जाने किस सहज बोध के बल पर वह कुत्ता आश्रम के द्वार तक आया और चिताभस्म के साथ गंभीर भाव से उत्तरायण तक गया।

(4) रोज़ फुदकती है ठीक यहीं आकर। मुझे इसकी चाल में एक करुण भाव दिखाई देता है।

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