Hindi, asked by vidhiagrawal9pc2g4y, 11 months ago

Pratah kalin dhwaniya aur aapki pratikiya essay for 800 words

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Answered by sarveshkumar83
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Explanation:

जो व्यक्ति प्रात:काल की बेला में प्रकृति के खुले वातावरण में कार्य करते है उन्हें प्रात:कालीन भ्रमण की शायद आवश्यकता न हो परन्तु विशाल नगरो की तंग गलियों में निवास करने वाले नागरिको के लिए प्रात:कालीन भ्रमण (Morning Walk )अत्यंत आवश्यक है | नगरो में दिन का वातावरण बहुत कोलाहलपूर्ण होता है | कल-कारखानों के धुएं से वातावरण विषाक्त हो जाता है | ऐसे वातावरण में रहने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है अत: प्रातःकाल के समय यदि भ्रमण न किया जाए तो स्वास्थ्य चौपट हो जाएगा |

भ्रमण (Morning Walk) करते समय हमे अपनी गति को बहुत ही तीव या मंद नही रखना चाहिए | भ्रमण प्रतिदिन नियमित रूप से करना चाहिए तभी उसका यथेष्ट लाभ मिल सकेगा | प्रात:काल का भ्रमण (Morning Walk) यदि किसी साथी के साथ किया जाए तो उपयुक्त रहता है क्योकि इससे मन बहला रहता है | अकेला होने पर मनुष्य शीघ्र उब जाता है और वापस लौट आता है |

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