Hindi, asked by nikhil6611, 1 year ago

pratigami or chatravas par tulnatmak nibandh

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Answered by prashanth1551
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ऐलन ( Allen ) ने विधि को दो या अधिक पद्धतियों से तुलनात्मक अध्ययन करने को तुलनात्मक विधिशास्त्र(Comparative Jurisprudence or Comparative law) कहा है। हॉलैण्ड ( Holland ) ने इस प्रकार क वर्गीकरण को अनावश्यक और व्यर्थ बताते हुए यह विचार व्यक्त किया है कि इसका ( विधिशास्त्र का ) क्षेत्र अनेक भागों में बँटकर सीमित हो जायेगा। तुलनात्मक विधिशास्त्र को विकसित करने का वास्तविक श्रेय दो सुविख्यात विधिशास्त्री काण्ट तथा स्टोरी को दिया जाना चाहिए जिन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विधायन और विधि में व्यावहारिक सुधार लाने में तुलनात्मक अध्ययन की अहम भूमिका रहती है। सामंड ने भी विभिन्न देशों की विधियों के गुण-दोषों के आधार पर स्वदेशीय विधि का तुलनात्मक मूल्यांकन किये जाने की आवश्यकता प्रतिपादित की है लेकिन वे इसे (तुलनात्मक विधिशास्त्र को) विधिशास्त्र की एक स्वतंत्र शाखा के रूप म मानने से इन्कार करते हैं। उनके अनुसार यह विधिशास्त्र के अध्ययन का एक तरीका मात्र है।

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