Prativedan on durga puja
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दुर्गा शक्ति की देवी कही जाती है । देवी दुर्गा की पूजा खास तौर से दुर्गा शक्ति की देवी कही जाती है । देवी दुर्गा की पूजा खास तौर से बंगाल के लोगों का मुख्य त्योहार माना जाता है किन्तु भारत भर में यह पूजा किसी न किसी रूप में अवश्य की जाती है । उत्तर भारत हो या दक्षिण भारत, पूरब हो या पश्चिम, दुर्गा पूजा का उत्सव सम्पूर्ण भारत के हर जाति, धर्म, सम्प्रदाय के लिए महत्त्वपूर्ण होता है । भारत को मातृभक्त देश कहा जाता है । हम भारत को भी श्रद्धा से भारतमाता कहते हैं । यहाँ देवताओं से अधिक देवियों को महत्त्व दिया जाता है । सभी देवताओं और देवियों में माँ दुर्गा को सबसे ऊँचा स्थान दिया जाता है, क्योंकि उन्हीं से ससार को सभी प्रकार की शक्तियाँ मिलती हैं । इसीलिए दुर्गा पूजा का महत्त्व भी अन्य पूजा-पाठ से बढ़कर माना जाता है । दुर्गा पूजा आश्विन महीने में होती है । पूजा आरम्भ होने के लगभग दो महीने पहले से ही तैयारियों शुरू हो जाती है । तीन-चार महीने पहले से ही मूर्तिकार मूर्तियाँ बनाने में व्यस्त हो जाते हैं । बाजारों में दुकानें सजने लगती हैं । हस्तशिल्पी तरह-तरह के सामान और खिलौने बनाने लगते हैं और बाजारों में कपड़े-गहने तथा अन्य चीजें खरीदने -बेचने वालों की भीड़ लग जाती है । तीन-चार महीने पहले से ही मूर्तिकार मूर्तियाँ बनाने में व्यस्त हो जाते हैं । बाजारों में दुकानें सजने लगती हैं । हस्तशिल्पी तरह तरह के सामान और खिलौने बनाने लगते हैं और बाजारों में कपड़े-गहने त था अन्य चीजें खरीदने -बेचने वालों की भीड़ लग जाती है । दुर्गा पूजा दस दिनों तक चलती है । पहले दिन मंत्रों के साथ देवी का कलश स्थापित किया जाता है । शहरों और गाँवों में जगह-जगह पण्डाल और षष्ठी के दिन उन पण्डालों में दुर्गा त था लक्ष्मी, सरस्वती गणेश एवं कार्तिकेय त था महिषासुर नामक राक्षस की मूर्तियाँ स्थापित की जाती हैं । कहीं-कहीं दुर्गा मन्दिरों में स्थायी मूर्तियाँ भी रहती हैं । देवी की पूजा अर्चना पूरे दस दिनों तक होती रहती है । दुर्गा पूजा के दिनों में सरकारी छुट्टियाँ रहती हैं और स्कूल कॉलेज विश्वविद्यालय कार्यालय आदि बन्द रहते हैं । सब तरफ मेला और उल्लास का वातावरण रहता है । दुर्गा पूजा वास्तव में शक्ति पाने की इच्छा से की जाती है जिससे संसार की बुराइयों का नाश हो सके । जिस प्रकार देवी दुर्गा ने सब देवी-देवताओं की शक्ति एकत्र करके दुष्ट राक्षस महिषासुर को मारा था और धर्म को बचाया था, उसी तरह हम अपनी बुराइयों पर विजय प्राप्त करके मनुष्यता को बढ़ावा दे सकें, यही दुर्गा पूजा का मुख्य संदेश है |
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