Hindi, asked by singhpreeti9577, 1 year ago

Premchand ki eidgah kahani par samvad lekhan hindi main

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Answered by natlachandermop9junm
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ईदगाह' भारत के महान कहानीकार मुंशी प्रेमचंद की एक कहानी का किरदार है। एक कम उम्र का लड़का जिसके मां-बाप की मौत हो चुकी है, अपनी दादी के पास रहता है। संघर्षों से पलते हुए, वो अपनी बचपन की ख्वाहिशों के बावजूद अपनी दादी का ख्याल रखता है और ईद के रोज़ ईदगाह से लौटते हुए, जब सब बच्चे अपने लिए खिलौने खरीद रहे होते हैं, तो वो दादी के लिए चिमटा खरीदता है क्योंकि वो जानता है कि रोज़ाना रोटी बनाते वक्त दादी का हाथ जल जाता है।

एक बेहद नाज़ुक कहानी जो एख खूबसूरत नर्म अहसास को समेटे हुए है, बताती है कि ज़िंदगी का मतलब अपनी ख्वाहिशों के अलावा भी कुछ है। किसी दूसरे का दर्द, उसके एहसास की इज़्ज़त करना भी ज़रूरी है

Answered by bhatiamona
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प्रेमचंद की ईदगाह कहानी पर संवाद लेखन

मुंशी प्रेमचंद की मशहूर कहानी - ईदगाह  

ईदगाह में इस दिन एक बच्चे की भावनाओं को पेश किया गया है

सुमित:पुनीत कैसे हो और क्या चल रहा है।

पुनीत: बस सुमित मै ठीक तुम बताओ।

सुमित: मै आजकल छुट्टीयों में कहानिया पढ़ के निकाल रहा हूं।  

पुनीत: कोन–कोन पढ़ ली।  

सुमित: पुनीत तुमने प्रेमचंद की ईदगाह कहानी पढ़ी है क्या ?

पुनीत: हां सुमित मैंने पढ़ी है बहुत अच्छी है और बहुत भावुक कहानी है।  

सुमित: हामिद बच्चा , अपने माता-पिता को खो देता है; पर गरीबी के कारण भी हामिद खुश और सकारात्मक बच्चा है।

पुनीत: दादी सब बताती हामिद को ।  

सुमित: ईदगाह कहानी में बच्चा अपनी दादी बहुत प्यार करता है।  

पुनीत: हाँ यार अपनी पैसे बचा के कुछ खाता नहीं है और अपनी दादी के चिमटा लाता है उनके हाथ ना जले कहना बनाते हुआ।

सुमित:यह कहानी में बहुत भावुक वाली बात थी। दादी उसे आशीर्वाद देती।  

पुनीत: हमें कुछ सीखना चाहिए।  

सुमित:आजकल के टाइम में रह प्यार रह नहीं गया है।

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