prepare a seminar about भ्रूण हत्या in Hindi......
Answers
कन्या भ्रूण हत्या से जुड़े तथ्य
यूनीसेफ (UNICEF) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सुनियोजित लिंग-भेद के कारण भारत की जनसंख्या से लगभग 5 करोड़ लड़कियां एवं महिलाएं गायब हैं।
विश्व के अधिकतर देशों में, प्रति 100 पुरुषों के पीछे लगभग 105 स्त्रियों का जन्म होता है।
भारत की जनसंख्या में प्रति 100 पुरुषों के पीछे 93 से कम स्त्रियां हैं।
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि भारत में अवैध रूप से अनुमानित तौर पर प्रतिदिन 2,000 अजन्मी कन्याओं का गर्भपात किया जाता है।
छुपे खतरे
संयुक्त राष्ट्र ने चेताया है कि भारत में बढ़ती कन्या भ्रूण हत्या, जनसंख्या से जुड़े संकट उत्पन्न कर सकती है जहां समाज में कम महिलाओं की वज़ह से सेक्स से जुड़ी हिंसा एवं बाल अत्याचार के साथ-साथ पत्नी की दूसरे के साथ हिस्सेदारी में बढ़ोतरी हो सकती है। और फिर यह सामाजिक मूल्यों का पतन कर संकट की स्थिति उत्पन्न कर सकता है।
कारण
लेकिन यह स्त्री-विरोधी नज़रिया किसी भी रूप में गरीब परिवारों तक ही सीमित नहीं है। भेदभाव के पीछे सांस्कृतिक मान्यताओं एवं सामाजिक नियमों का अधिक हाथ होता है। यदि यह प्रथा बन्द करना है तो इन नियमों को ही चुनौती देनी होगी।
भारत में स्त्री को हिकारत से देखने को सामाजिक-आर्थिक कारणों से जोड़ा जा सकता है। भारत में किए गए अध्ययनों ने स्त्री की हिकारत के पीछे तीन कारक दर्शाए हैं, जो हैं- आर्थिक उपयोगिता, सामाजिक-आर्थिक उपयोगिता, एवं धार्मिक कार्य।
it will definitely help u...
Answer:
माँ की गर्व में ही पलते बच्चे की गैर कानूनी तरीके से लिंग की परिक्षण करना, और अगर पलते शिशु लड़की है तो उसे गर्व में ही ख़त्म कर देना को कन्या भ्रूण हत्या कहा जाता है| कन्या भ्रूण हत्या लड़की को जन्म से पहले ही मार देना होता है|
कन्या भ्रूण हत्या समाज में बड़े ही तेजी से फ़ैल रहा है| इसे कानूनि स्वीकृति न मिलने के कारण कई डॉक्टर और क्लिनिक के मदद से इसे गैर कानूनी रूप से अंजाम दिया जा रहा है| लेकिन ये अभ्यास छुपे छिपे भी बड़ी तादार्द में सफल हो रहा है, और साथ ही में हमारे समाज के लिए एक चिंता की विषय बन रहा है|
हर समाज और देश में लड़कियों की उतनी ही अहमियत होना चाहिए जितनी की लड़कों की| लेकिन हमारे आस पास की कई मंद बुद्धिजीवी इस बात को हजम करने के लिए तैयार ही नहीं हैं| और इसी कारण कन्या भ्रूण हत्या को बढ़ावा मिल रहा है|
कन्या भ्रूण हत्या से समाज में लड़कियों की तादार्द लगातार घट रहा है| लड़कों के मुकाबले लडकियां बहोत ही कम संख्या में मौजूद हैं| इसी तरह अगर कन्या भ्रूण हत्या को बढ़ावा मिला, तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे समाज में लडकियां ना के बराबर हो जाएँगे और समाज की गति पर एक रोक सा लग जायेगा|
कन्या भ्रूण हत्या के तेज गति के पीछे कहीं न कहीं हम सब जिम्मेदार हैं| हमें सबसे पहले अपने घरों में अपने बच्चों को लड़कियों की अहमियत और लड़कियों की आदर करना सिखाना चाहिए| लडकियों की सोच और इच्छाओं की हमे आदर करना चाहिए| लड़कियों को एक बोझ न समझ कर उन्हें अपनी सुख दुःख में भागीदारी बनाना चाहिए| देश में सख्त से सख्त कानूनी व्यवस्था बनानी चाहिए| कन्या भ्रूण हत्या से जुडीत हर डॉक्टर और क्लीनिकों की रजिस्ट्रेशन बंद कर देनी चाहिए| उन माता पिताओं के लिए सख्त से सख्त सज़ा की व्यवस्था करनी चाहिए जो अपने बच्चे को जन्म लेने की अधिकार से बंचित करते हैं|
कन्या भ्रूण हत्या के मुख्य कारण, लड़कियों को समाज या घर की बोझ मानना है | हमारे समाज में कई परिवारों में लड़कियों को लड़कों के मुकाबले कम ही अहमियत मिलती है| उनकी परवरिश से लेकर पढाई तक, और जिंदगी की हर मोड़ पर कुछ न कुछ पाबंदी जरुर लगाई जाती है| लडकियों को उनकी मन की बात को खुली तरह से पेश करने की भी अनुमति भी नहीं मिलती है|
कई बार लड़कियों पर इसी तरह की पाबंदी और भेदभाव के पीछे कई कारण होते हैं| कारण होती है लोगों की दक्क्यानुसी मानसिकता का|
कई घरों में आर्थिक अभावों के चलते लड़कियों की शादी के वक़्त मुसीबत आते हैं| ऊपर से समाज के दहेज प्रथा (पढ़िए दहेज प्रथा पर निबंध हिंदी में) इन मुसीबतों को और बढ़ावा देती है| शादी की वक़्त दहेज की परिभासा गरीब माँ बाप को झकझोर के रख देती है| इसी दहेज प्रथा के कारण कन्या भ्रूण हत्या को बढ़ावा मिल रहा है|
लेकिन हर समस्या का समाधान भी है| अगर हम दहेज प्रथा की विरोध करें तो हम कन्या भ्रूण हत्या पर कई हद् तक लगाम लगा सकते हैं| कन्या भ्रूण हत्या को हम सामाजिक जागरूकता फैला कर कुछ हद तक कम कर सकते हैं| लेकिन इसकी पूरी तरह से खात्मा करने के लिए सबसे पहले हमें अपने मानसिकता में इंसानियत लानी होगी| हमे लड़कियों को लड़कों के बराबर समझ के चलना होगा|
आईए हम सब आज अभी से कन्या भ्रूण हत्या को सख्ती से विरोध करें और एक स्वच्छ समाज का गठन करें|
धन्यवाद !!