Prithvi ke badhte vah Ghate tapman par Apne vichar vyakt kijiye
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उत्तर-> आज मानव उन्नति के पथ पर अग्रसर है, विकास के इस दौड़ में उसने प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध तरीके से दोहन किया जिस कारण प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है। वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है जिस कारण पूरा वातावरण गर्म होता जा रहा है। अगर तापमान बढ़ने की यही रफ्तार रही तो वह दिन दूर नहीं जब पृथ्वी जलमग्न हो जाएगी क्योंकि ध्रुवीय क्षेत्रों पर पड़ी बर्फ लगातार पिघल रही है।
आज वातावरण इतना बदल चुका है कि अगर गर्मी पड़ रही है सामान्य से बहुत ज्यादा पड़ रही है। यदि सर्दी का मौसम है तो सर्दी भी जरूरत से ज्यादा ही पड़ रही है। यह सारे संकेत पर्यावरण बदलाव के हैं यदि समय रहते इस पर कार्य न किया गया तो इस धरा पर जीवन मुश्किल हो जाएगा।
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