Hindi, asked by Anonymous, 1 year ago

Provide a best hindi inspirational sahityik poem of 20 lines by a famous poet. No kiddish answers. For the level of class 12.So, don't Spam.

# 25 points.

Answers

Answered by VShukla1
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घाटी के दिल की धड़कन

घाटी के दिल की धड़कन 
काश्मीर जो खुद सूरज के बेटे की रजधानी था 
डमरू वाले शिव शंकर की जो घाटी कल्याणी था 
काश्मीर जो इस धरती का स्वर्ग बताया जाता था 
जिस मिट्टी को दुनिया भर में अर्ध्य चढ़ाया जाता था 
काश्मीर जो भारतमाता की आँखों का तारा था 
काश्मीर जो लालबहादुर को प्राणों से प्यारा था 
काश्मीर वो डूब गया है अंधी-गहरी खाई में 
फूलों की खुशबू रोती है मरघट की तन्हाई में 

ये अग्नीगंधा मौसम की बेला है 
गंधों के घर बंदूकों का मेला है 
मैं भारत की जनता का संबोधन हूँ 
आँसू के अधिकारों का उदबोधन हूँ 
मैं अभिधा की परम्परा का चारण हूँ 
आजादी की पीड़ा का उच्चारण हूँ 

इसीलिए दरबारों को दर्पण दिखलाने निकला हूँ | 
मैं घायल घाटी के दिल की धड़कन गाने निकला हूँ || 

बस नारों में गाते रहियेगा कश्मीर हमारा है 
छू कर तो देखो हिम छोटी के नीचे अंगारा है 
दिल्ली अपना चेहरा देखे धूल हटाकर दर्पण की 
दरबारों की तस्वीरें भी हैं बेशर्म समर्पण की 

काश्मीर है जहाँ तमंचे हैं केसर की क्यारी में 
काश्मीर है जहाँ रुदन है बच्चों की किलकारी में 
काश्मीर है जहाँ तिरंगे झण्डे फाड़े जाते हैं 
सैंतालिस के बंटवारे के घाव उघाड़े जाते हैं 
काश्मीर है जहाँ हौसलों के दिल तोड़े जाते हैं 
खुदगर्जी में जेलों से हत्यारे छोड़े जाते हैं 

अपहरणों की रोज कहानी होती है 
धरती मैया पानी-पानी होती है 
झेलम की लहरें भी आँसू लगती हैं 
गजलों की बहरें भी आँसू लगती हैं 

मैं आँखों के पानी को अंगार बनाने निकला हूँ | 
मैं घायल घाटी के दिल की धड़कन गाने निकला हूँ || 

काश्मीर है जहाँ गर्द में चन्दा-सूरज- तारें हैं 
झरनों का पानी रक्तिम है झीलों में अंगारे हैं 
काश्मीर है जहाँ फिजाएँ घायल दिखती रहती हैं 
जहाँ राशिफल घाटी का संगीने लिखती रहती हैं 
काश्मीर है जहाँ विदेशी समीकरण गहराते हैं 
गैरों के झण्डे भारत की धरती पर लहरातें हैं 

काश्मीर है जहाँ देश के दिल की धड़कन रोती है 
संविधान की जहाँ तीन सौ सत्तर अड़चन होती है 
काश्मीर है जहाँ दरिंदों की मनमानी चलती है 
घर-घर में ए. के. छप्पन की राम कहानी चलती है 
काश्मीर है जहाँ हमारा राष्ट्रगान शर्मिंदा है 
भारत माँ को गाली देकर भी खलनायक जिन्दा है 
काश्मीर है जहाँ देश का शीश झुकाया जाता है 
मस्जिद में गद्दारों को खाना भिजवाया जाता है 

गूंगा-बहरापन ओढ़े सिंहासन है 
लूले - लंगड़े संकल्पों का शासन है 
फूलों का आँगन लाशों की मंडी है 
अनुशासन का पूरा दौर शिखंडी है 

मै इस कोढ़ी कायरता की लाश उठाने निकला हूँ | 
मैं घायल घाटी के दिल की धड़कन गाने निकला हूँ || 

हम दो आँसू नहीं गिरा पाते अनहोनी घटना पर 
पल दो पल चर्चा होती है बहुत बड़ी दुर्घटना पर 
राजमहल को शर्म नहीं है घायल होती थाती पर 
भारत मुर्दाबाद लिखा है श्रीनगर की छाती पर 
मन करता है फूल चढ़ा दूं लोकतंत्र की अर्थी पर 
भारत के बेटे निर्वासित हैं अपनी ही धरती पर 

वे घाटी से खेल रहे हैं गैरों के बलबूते पर 
जिनकी नाक टिकी रहती है पाकिस्तानी जूतों पर 
काश्मीर को बँटवारे का धंधा बना रहे हैं वो 
जुगनू को बैसाखी देकर चन्दा बना रहे हैं वो 
फिर भी खून-सने हाथों को न्योता है दरबारों का 
जैसे सूरज की किरणों पर कर्जा हो अँधियारों का 

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Answered by Anonymous
2
\huge{\bold{\red{Heya!!!}}}


\bold{\blue{Here\:is\:your\: answer\: }}

कोशिश करने वालों की
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, बार बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में।
मुट्ठी उसकी खाली हर एक बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम।
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

–हरिवंशराय बच्चन – Harivansh Rai Bachchan

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\bold{\red{Hope\:it\:will\:help\:you\:}}
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