History, asked by AkshatParikh296, 1 month ago

Prutvicya parivalnachi disha sanga

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Answered by umasahu871999
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जिंदगी के लिये जान ज़रूरी है, जीने के लिये अरमान ज़रूरी है, हमारे पास हो चाहे कितना भी गम, लेकिन तेरे चहरे पर मुस्कान ज़रूरी है।

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