Hindi, asked by yogesh6084, 11 months ago

pulwama attack essay in
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Answered by vishwapatel18111
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जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुआ आतंकवादी हमला इतना भीषण था कि हमले का शिकार हुई CRPF की बस के चीथड़े उड़ गए थे. कुछ मिनटों में पूरा इलाका हिल गया और सड़क पर बड़े गड्ढे हो गए. धमाकों और चीख के बंद होने के बाद सबसे बड़ी चुनौती थी, तबाही के मंजर के बीच में शहीद जवानों की शिनाख्त करना.

हमले में जिस बस को शिकार बनाया गया था, उसमें CRPF के 44 जवान बैठे हुए थे. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए और दर्जनों गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया. अब मारे गए जवानों की शिनाख्त करने की बारी थी.

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जवानों ने शहीद हुए CRPF के सभी 40 जवानों की पहचान उनके आधार कार्ड, आईडी कार्ड और कुछ अन्य सामानों के जरिए की.

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि इस भीषण विस्फोट से जवानों के शव बुरी तरह से क्षत-विक्षत हो गए थे इसलिए उनकी शिनाख्त करना मुश्किल काम था. इन शहीदों की पहचान आधार कार्ड, फोर्स के आईडी कार्ड, पैन कार्ड या उनकी जेबों या बैगों में रखे छुट्टी के आवेदनों से की जा सकी.

जैश-ए-मुहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने 350 किलो IED से भरी स्कॉर्पियो कार हाईवे से गुजर रहे CRPF के एक काफिले की एक बस से टकरा दी थी, जिससे बहुत बड़ा धमाका हुआ. इस धमाके में 40 सीआरपीएफ जवानों की जानें चली गईं, वहीं 30 से ज्यादा जवान घायल हो गए.

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