punjabi essay on "mere jivan da udesh " in punjabi
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मैंने पर्याप्त सोच विचार करके अपने जीवन का उद्देश्य सफल वकील बनना निश्चित कर लिया है। इसकी प्रेरणा मुझे पिता जी से मिली है। वे भी एक सफल वकील है। उनके पास प्रति दिन अनेकों मुवक्किल आते रहते है। मैं भी उनके सम्पर्क में आता हूं। उनका व्यवहार एवं आचारण देखता रहता हूं। मेरे पिता जी जिस प्रकार अनेकों मुवक्किलों को आकर्षित करते है, मैं भी उसी प्रकार का प्रयत्न करूंगा।
मैं अभी दशवीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। कठोर परिश्रम से अच्छे अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण होने का प्रयत्न कर रहा हूं। इसके पश्चात तीन वर्ष स्नातक बनने में व्यतीत होंगे। मुझे समाज संसार को समझने परखने का अवकाश मिलेगा, बुद्धि में भी परिपक्वता आ जाएगी।
बी.ए. पास करने बाद वकालत की शिक्षा प्राप्त करूंगा। इसमे दो वर्ष लग जाएंगे। वकालत उत्तीर्ण करके सर्व प्रथम पिता जी के साथ रहकर अनुभव प्राप्त करूंगा। थोड़ा अनुभव प्राप्त हो जाने पर मैं स्वतंत्र वकील बन जाऊंगा।
मेरे पिताजी के पास बहुत से मुकद्दमें आते है। मैं देखता हूं कि उनमें से बहुत से झूठे होते हैं। किसी को सताने के लिए, किसी की सम्पत्ति पर अधिकार करने के लिए झूठी कहानियां गढ कर लोग जीतना चाहते हैं। पर मैंने निश्चय कर लिया है कि ऐसे मुकद्दमे मैं नहीं लूंगा। मैं तो केवल सच्चाई का वकील बनना चाहता हूं। वकील बनकर, सताए गए लोगों की सहायता करना ही मेरे जीवन का उद्देश्य रहेगा।
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