Pustko ka mahatva per 300 shabdo me nibandh likhiye
Answers
Answered by
7
पुस्तकें : हमारी मित्र – पुस्तकें हमारी मित्र हैं | वे अपना अमृत-कोष सदा हम पर न्योछावर करने को तैयार रहती हैं | अच्छी पुस्तकें हमें रास्ता दिखाने के साथ-साथ हमारा मनोरंजन भी करती हैं | बदले में वे हमसे कुछ नहीं लेतीं, न ही परेशान या बोर करती हैं | इससे अच्छा और कौन-सा साथी हो सकता है कि जो केवल कुछ देने का हकदार हो, लेने का नहीं |
पुस्तकें : प्रेरणा का स्त्रोत – पुस्तकें प्रेरणा की भंडार होती हैं | उन्हें पढ़कर जीवन में कुछ महान कर्म करने की भावना जागती है | महात्मा गाँधी को महान बनाने में गीता, टालस्टाय और थोरो का भरपूर योगदान था | भारत की आज़ादी का संग्राम लड़ने में पुस्तकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी | मैथलीशरण गुप्त की ‘भारत-भारती पढ़कर कितने ही नौजवानों ने आज़ादी के आदोंलन में भाग लिया था |
पुस्तकें : विकास की सूत्रधार – पुस्तकें ही आज की मानव-सभ्यता के मूल में हैं | पुस्तकों के दुवारा एक पीढ़ी का ज्ञान दूसरी पीढ़ी तक पहुँचते-पहुँचते सरे युग में फ़ैल जाता है | विपिल महोदय का कथन है – “पुस्तकें प्रकाश-गृह हैं जो समयह के विशाल समुद्र में खड़ी की गई हैं |” यदि हज़ारों वर्ष पूर्व के ज्ञान को पुस्तकें अगले युगतक न पहुँचती तो शायद एक वैज्ञानिक सभ्यता का जन्म न होता |
पुस्तकें : प्रेरणा का स्त्रोत – पुस्तकें प्रेरणा की भंडार होती हैं | उन्हें पढ़कर जीवन में कुछ महान कर्म करने की भावना जागती है | महात्मा गाँधी को महान बनाने में गीता, टालस्टाय और थोरो का भरपूर योगदान था | भारत की आज़ादी का संग्राम लड़ने में पुस्तकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी | मैथलीशरण गुप्त की ‘भारत-भारती पढ़कर कितने ही नौजवानों ने आज़ादी के आदोंलन में भाग लिया था |
पुस्तकें : विकास की सूत्रधार – पुस्तकें ही आज की मानव-सभ्यता के मूल में हैं | पुस्तकों के दुवारा एक पीढ़ी का ज्ञान दूसरी पीढ़ी तक पहुँचते-पहुँचते सरे युग में फ़ैल जाता है | विपिल महोदय का कथन है – “पुस्तकें प्रकाश-गृह हैं जो समयह के विशाल समुद्र में खड़ी की गई हैं |” यदि हज़ारों वर्ष पूर्व के ज्ञान को पुस्तकें अगले युगतक न पहुँचती तो शायद एक वैज्ञानिक सभ्यता का जन्म न होता |
Similar questions