Q.3 'माँ कह एक कहानी' कविता की सप्रसंग व्याख्या
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Answer:
माँ कह एक कहानी” का सारांश
कविता का प्रसंग उस समय का है जब गौतम बुद्ध राजकुमार सिद्धार्थ थे। उनका पुत्र राहुल अपनी माँ यशोधरा से कहानी सुनाने की जिद करता है। कविता में बालक राहुल अपनी माँ से कहानी कहने की जिद करता है तो माँ कहती है कि क्या उसने उसे अपनी नानी समझा है जो वो उसे कहानी कहे।
Answer:
”माँ कह …………….. यही कहानी।”
प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश में राहुल अपनी माँ से कहानी सुनाने के लिए कह रहा है और माता यशोधरा राहुल को कहामी सुना रही है।
Explanation:
व्याख्या – राहुल अपनी माँ यशोधरा से कहता है- माँ, एक कहानी सुनाओ। राजा या रानी की कहानी सुनाओ। यशोधरा कहती है कि पुत्र तू हठ करता है तो सुन! एक दिन सुबह बगीचे में तुम्हारे पिता घूम रहे थे। वहाँ फूलों की सुगंध चारों ओर फैल रही थी। इतना सुनकर राहुल कह उठता है कि हाँ माँ! मुझे यही कहानी सुनाओ।
”वर्ण – वर्ण ………………………. यही कहानी।”
व्याख्या – रंग- बिरंगे फूल खिले थे और उन पर ओस की बूंदें झिलमिला रही थीं। हवा के हल्के-हल्के झोंके चल रहे थे। तालाबों में पानी लहरा रहा था। हाँ-हाँ, माँ! यही कहानी सुनाओ।
”गाते थे …………………. भरी कहानी।”
व्याख्या – पक्षी कल-कल की आवाज करते हुए गा रहे थे, उसी समय अचानक नुकीले तीर से घायल होकर एक हंस नीचे गिरा। उसके पंख घायल हो गए थे। यह कहानी बहुत ही करुणा भरी है।
”चौंक …………. कठिन कहानी।”
व्याख्या – चौंककर उन्होंने उस पक्षी को उठा लिया। पक्षी को लगा कि उसने नया जन्म पा लिया हो। थोड़ी ही देर में शिकारीं अपने अचूक निशाने पर खुश होता हुआ आ पहुँचा। उसे अपने लक्ष्य पर बहुत घमण्ड, था। यह कहानी कोमल और कठोर भावनाओं वाली है।