Q.3 'प्रीति-नदी में पाउं न बोरयौ' -पंक्ति में कौन-सा
अलंकार है-
[A] रूपक
[B] उत्प्रेक्षा
[C] श्लेष
[D] अतिशयोक्ति
Answers
सही विकल्प होगा...
✔ [A] रूपक
स्पष्टीकरण ⦂
'प्रीति-नदी में पाउं न बोरयौ' इस पंक्ति में ‘रूपक अलंकार’ प्रकट हो रहा है, क्योंकि यहाँ प्रीति और नदी के बीच के भेद को मिटा दिया गया है, और उपमेय का ही उपमान पर आरोपण किया गया है।
रूपक अलंकार की परिभाषा के अनुसार जहां उपमेय को उपमान के रूप में बताया जाए वहां रूपक अलंकार होता है। यहां पर ‘प्रीति’ को ‘नदी’ के समान बताया गया है अर्थात उपमेय को उपमान के रूप में प्रदर्शित किया गया है, और दोनों के बीच के भेद को मिटा दिया गया है, इसलिए यहां पर रूपक अलंकार प्रकट हो रहा है।
अलंकार वे शब्द होते हैं जो किसी काव्य के सौंदर्य को बढ़ा देते हैं अर्थात अलंकृत कर देते हैं। इसके लिए उन्हें अलंकार कहा जाता है।
अलंकार के अनेक भेद-उपभेद होते हैं जिनमें अनुप्रास, यमक, श्लेष, उपमा, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति, रूपक आदि अलंकार प्रमुख हैं।