Q.5. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
हो जाए न पथ में रात कहीं,
मंजिल भी तो है दूर नहीं यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है।
बच्चे प्रत्यक्षा में होंगे,
नीड़ों से झाँक रहे ।
यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता
दिन जल्दी जल्दी ढलता है।
मुझसे मिलने को कौन विकल ? मैं होऊँ केसके हित चंचल
यह प्रश्न तिथिल करता पद को भरता उर में विहलता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
(1) पथिक को क्या भय है?
(a) कहीं रात्रि न हो जाए (b) बच्चे सो न जाएँ। (c) सब कुछ दिखना बंद न हो (d) दिशा भ्रम न हो जाए
(2) लक्ष्य को प्राप्त करने को कौन आतुर है?
(a) पथिक (b) गौरेया (c) कवि (d) उपरोक्त सभी
(3) पथिक क्या चाहता है ? (a) अंधकार के पहले मंजिल पर पहुँचना (b) दिन न ढले (c) उपरोक्त सभी (d) अपने बच्चों से मिलना
(4) जीवन रूपी मार्ग पर अग्रसर पथिक क्यों व्याकुल है ? (a) किसी का ध्यान आने पर (b) बच्चों की याद आने पर (c) रात्रि के डर से (d) सूर्य ढलने की कल्पना से (5) प्रश्नोक्त पंक्तियों के रचयिता हैं - (a) शमशेर बहादुर (b) नागार्जुन (c) हरिवंश राय बच्चन (d) अरुण कमल
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Answer:
1.a 2.a 3.c 4.b
Explanation:
sorry i don't know the 5th one
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