Q1. सप्रसंग व्याख्या कीजिये-
अहे विश्व ! ऐ विश्व-व्यथित मन!
किधर बह रहा है जीवन?
यह लघु पोत ,पात,तृण, रज -कण
अस्थिर भीरु -वितान,
किधर?-किस ओर ?-अछोर-अजान,
डोलता है यह दुर्बल यान?
Answers
Answered by
0
Answer:
कविता में कवि अपने विश्व को लेकर के अपने मन की बात को रहा है
Explanation:
- कवि व्यथित मन से बोल रहा है की आज कल का जीवन किस तरफ जा रहा है
- किसी के मन के अंदर मानवत नहीं बची है
- सब के सब तेज़ से भागी दुनिया में व्यस्त है।
- किसी के पास वक्त नहीं है की थोड़ी देर रुक कर के अपने ले समय निकल ले।
- वह यह भी कहना चाहता है कि पता नहीं ये दौड़ भाग वाला जीवन कब रुकेगा
#SPJ3
Similar questions
Chemistry,
5 months ago
Chemistry,
5 months ago
Math,
5 months ago
English,
10 months ago
Political Science,
1 year ago