"Question 1 'बहुत दिन हुए / हमें अपने मन के छंद छुए।'- इस पंक्ति का अर्थ और क्या हो सकता है? अगले पृष्ठ पर दिए हुए वाक्यों की सहायता से सोचिए और अर्थ लिखिए-
(क) बहुत दिन हो गए, मन में कोई उमंग नहीं आई।
(ख) बहुत दिन हो गए, मन के भीतर कविता-सी कोई बात नहीं उठी, जिसमें छंद हो, लय हो।
(ग) बहुत दिन हो गए, गाने-गुनगुनाने का मन नहीं हुआ।
(घ) बहुत दिन हो गए, मन का दुख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई।
Class 7 - Hindi - कठपुतली Page 20"
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यह पंक्तियां हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक वसंत भाग 2 मैं से भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा रचित कठपुतली कविता से ली गई है।
बहुत दिन हुए हमें अपने मन के छंद छुए पंक्ति का अर्थ यह है कि बहुत दिन हो गए मन का दुख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई।
कठपुतलियाँ कहने लगी कि हमने बहुत दिनों से अपने मन की बात नहीं की। हमने अपने मन की इच्छाओं को दबा रखा है।
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बहुत दिन हुए हमें अपने मन के छंद छुए पंक्ति का अर्थ यह है कि बहुत दिन हो गए मन का दुख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई।
कठपुतलियाँ कहने लगी कि हमने बहुत दिनों से अपने मन की बात नहीं की। हमने अपने मन की इच्छाओं को दबा रखा है।
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बहुत दिन हुए हमें अपने मन के छंद छुए पंक्ति का अर्थ यह है कि बहुत दिन हो गए मन का दुख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई। कठपुतलियाँ कहने लगी कि हमने बहुत दिनों से अपने मन की बात नहीं की। हमने अपने मन की इच्छाओं को दबा रखा है।06-Dec-2017
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