"Question 1 हमारे यहाँ बहुत से काम लोग खुद नहीं करके किसी पेशेवर कारीगर से करवाते हैं। लेकिन गाँधी जी पेशेवर कारीगरों के उपयोग में आनेवाले औज़ार - छेनी, हथौड़े, बसूले क्यों खरीदना चाहते होंगे?
Class 7 - Hindi - आश्रम का अनुमानित व्यय Page 139"
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उत्तर:
हमारे यहां बहुत से काम लोग खुद नहीं कर के किसी पेशावर कारीगर से करवाते हैं। गांधीजी छेनी , हथौड़े, बसोले इसलिए खरीदना चाहते होंगे ताकि पेशेवर कारीगरों का प्रत्येक कार्य आश्रम के लोग अपने आप कर सकें। अहमदाबाद में गांधीजी एक आश्रम बनवाने की सोच रहे थें। आश्रम में किसी भी अन्य कारीगर को बुलाने की जरूरत ही न पड़े।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
हमारे यहां बहुत से काम लोग खुद नहीं कर के किसी पेशावर कारीगर से करवाते हैं। गांधीजी छेनी , हथौड़े, बसोले इसलिए खरीदना चाहते होंगे ताकि पेशेवर कारीगरों का प्रत्येक कार्य आश्रम के लोग अपने आप कर सकें। अहमदाबाद में गांधीजी एक आश्रम बनवाने की सोच रहे थें। आश्रम में किसी भी अन्य कारीगर को बुलाने की जरूरत ही न पड़े।
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Explanation:
उत्तर:- यह सत्य है कि हमारे यहाँ अर्थात् भारत में बहुत से काम लोग खुद न करके किसी पेशेवर कारीगर से करवाते हैं। गांधी जी छेनी, हथौड़े, वसूले इसलिए खरीदना चाहते होंगे ताकि लोग कुटीर उद्योग, लुहार व बढ़ईगिरी आदि को बढ़ावा दें। आत्मनिर्भर बनें व छोटे-छोटे कामों के लिए दूसरों का मुँह न ताकें।
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