Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

"Question 1 कण-कण में है व्याप्त वही स्वर...............कालकूट फणि की चिंतामणि' (क) 'वही स्वर','वह ध्वनि' एवं 'वही तान' आदि वाक्यांश किसके लिए/ किस भाव के लिए प्रयुक्त हुए हैं? (ख) वही स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव का 'रूद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है/ निकली मेरी अंतरतर से' - पंक्तियों से क्या कोई संबंध बनता है?

Class 7 - Hindi - विप्लव - गायन Page 142"

Answers

Answered by nikitasingh79
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क) कवि के द्वारा प्रयुक्त ‘वही ईश्वर’, ‘वही ध्वनि’, ‘वही तान’ का प्रयोग विशेष भावों को प्रकट करने के लिए किया गया है। कवि समाज में व्याप्त जड़ता को मिटाना चाहता है। वह संघर्ष करके नया निर्माण करना चाहता है। वह समझता है कि विद्रोह के माध्यम से ही समाज में परिवर्तन लाया जा सकता है। कभी ने विद्रोह के लिए आवश्यक ओज और जोश को इन शब्दों को माध्यम से व्यक्त किया है। कवि ने ‘वह’ और ‘वही’ शब्दों पर विशेष बल दिया है। इनसे क्रांति के लिए आवश्यक जोश और शक्ति का एहसास होता है। वह इन्हीं के माध्यम से लोगों के हृदय में जोश भर कर क्रांति का आह्वान करना चाहता है।


ख) कवि ने ‘वही स्वर’ , ‘वही ध्वनि’ एवं ‘वही तान ‘ शब्दों को रुद्ध- गीत की क्रुद्ध  तान से भावनात्मक रूप से जुड़ा है। यह आपस में गहरी जुड़े हुए हैं। कभी अपने हृदय में क्रांति के भावों को संजोए हुए हैं। वह समाज में परिवर्तन लाना चाहता है। वह ओज और जोश से भरी वाणी से ही लोगों के हृदय में आग उत्पन्न कर सकता था। कवि के अंतरतर में छिपे भाव ही ‘वही’ और ‘वह’ के माध्यम से व्यक्त हुए हैं।

Answered by llUnknown23ll
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Explanation:

वही स्वर’ ‘वह ध्वनि’ एवं ‘वही तान’ नवनिर्माण का रास्ते खोलने के लिए तथा जनजागृति का आहवान करने के लिए प्रयोग किया गया है। इसके अलावे इन वाक्यांशों का प्रयोग क्रांति की उस भावना के लिए प्रयोग किए हुए हैं, जो हर ओर व्याप्त है।

(ख) हाँ, वही स्वर, वही ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव रुद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है। निकली मेरे अंतरतर से पंक्तियों में सही संबंध बनता है क्योंकि कवि इनकी पंक्तियों में वर्तमान व्यवस्था के प्रति आक्रोश है, वही क्रांति गीत के रूप में निकल रहा है। वही क्रांति रोम-रोम में घुलकर प्रति ध्वनित होने लगती है।

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