Question 1:
कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल क्यों नहीं हुई?
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter यमराज की दिशा
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चंद्रकांत देवताले की कविता ‘यमराज की दिशा’ में कवि ने सभ्यता के विकास के खतरनाक दिशा की ओर संकेत करते हुए चेतावनी भरे स्वर में कहा है कि इस रूप में मानव कहीं भी सुरक्षित नहीं है। इसका जीवन चारों ओर से संकट में घिरा हुआ है। इस कविता में कवि ने अपनी मां और ईश्वर की मुलाकात के बारे में बताया कि जब मां और ईश्वर ईश्वर की भेंट हुई तो ईश्वर ने मां को बताया कि मानव को दक्षिण दिशा की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा में यमराज का घर होता है। इसलिए कवि की मां कवि को सलाह देती है कि दक्षिण दिशा की ओर पैर करके कभी मत सोना।
उत्तर :-
कवि की मां ने उसे बचपन में समझाया था कि कभी भी दक्षिण दिशा की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा यमराज की है और यमराज को क्रोधित करना उचित नहीं। कवि की मां ने उन्हें यह भी बताया था कि वह जहां भी रहें, वहीं से दक्षिण की ओर यमराज का घर होता है । दक्षिण दिशा के प्रति वह सदा सचेत रहें और वह कभी भी उस दिशा की ओर पैर करके नहीं सोया इसलिए उसे दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल नहीं हुई।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
उत्तर :-
कवि की मां ने उसे बचपन में समझाया था कि कभी भी दक्षिण दिशा की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा यमराज की है और यमराज को क्रोधित करना उचित नहीं। कवि की मां ने उन्हें यह भी बताया था कि वह जहां भी रहें, वहीं से दक्षिण की ओर यमराज का घर होता है । दक्षिण दिशा के प्रति वह सदा सचेत रहें और वह कभी भी उस दिशा की ओर पैर करके नहीं सोया इसलिए उसे दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल नहीं हुई।
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