Question 10:
कबीर ने ईश्वर को 'सब स्वाँसों की स्वाँस में' क्यों कहा है?
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter साखियाँ एवं सबद
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‘साखियां एवं सबद’ के रचयिता संत कबीर हैं। ‘साखियों’ में संत कबीर ने निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी आस्था के भावों को प्रकट करते हुए माना है कि हृदय रूपी का मानसरोवर भक्ति जल से पूरी तरह भरा हुआ है जिसमें हंस रूपी आत्माएं मुक्ति रूपी मोती चुनती है। ‘ सबद’ में संत कबीर निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी निष्ठा भाव को प्रकट करते हुए कहते हैं कि ईश्वर को मनुष्य अपने अज्ञान के कारण इधर-उधर ढूंढने का प्रयास करता है। वह नहीं जानता कि उसके अपने भीतर ही छिपा हुआ है।
उत्तर : -
ईश्वर हर प्राणी में वास करता है वह कहीं भी बाहर नहीं है। वह तो उनकी स्वांसोंं की सांस में है। जब तक जीव की सांस चलती है तब तक वह जीवित है, प्राणवान है और सभी प्राणियों में ईश्वर का वास है। इसलिए कबीर ने ईश्वर को ‘सब स्वांसोंं की सांस में' कहा है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
उत्तर : -
ईश्वर हर प्राणी में वास करता है वह कहीं भी बाहर नहीं है। वह तो उनकी स्वांसोंं की सांस में है। जब तक जीव की सांस चलती है तब तक वह जीवित है, प्राणवान है और सभी प्राणियों में ईश्वर का वास है। इसलिए कबीर ने ईश्वर को ‘सब स्वांसोंं की सांस में' कहा है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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कबीर ने ईश्वर को सब स्वासो की स्ववास में क्यों कहा है?
=> यहां संकलित साखियां में प्रेम महत्व संत के लक्षण ज्ञान की महिमा ब्राह्मणों का विरोध आदि भाषाओं का उल्लेख हुआ है कबीर का जन्म सन 1398 और उनकी मृत्यु सन 1518 के आसपास मगहर में हुई थी
कवि कहता है कि ईश्वर का निवास तो प्रत्येक जीव आत्मा के अंदर होता है इसलिए कबीर ने कहा है कि ईश्वर आत्मा में अर्थात स्वासो की स्वास में है
आशा करते हैं या उत्तर आपकी मदद करेगा
=> यहां संकलित साखियां में प्रेम महत्व संत के लक्षण ज्ञान की महिमा ब्राह्मणों का विरोध आदि भाषाओं का उल्लेख हुआ है कबीर का जन्म सन 1398 और उनकी मृत्यु सन 1518 के आसपास मगहर में हुई थी
कवि कहता है कि ईश्वर का निवास तो प्रत्येक जीव आत्मा के अंदर होता है इसलिए कबीर ने कहा है कि ईश्वर आत्मा में अर्थात स्वासो की स्वास में है
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