Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

Question 13:
भाव स्पष्ट कीजिए -
(क) हिति चिन की द्वै थूँनी गिराँनी, मोह बलिंडा तूटा।
(ख) आँधी पीछै जो जल बूठा, प्रेम हरि जन भींनाँ।
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter साखियाँ एवं सबद

Answers

Answered by nikitasingh79
70
‘साखियां एवं सबद’ के रचयिता संत कबीर हैं। ‘साखियों’ में संत कबीर ने निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी आस्था के भावों को प्रकट करते हुए माना है कि हृदय रूपी का मानसरोवर भक्ति जल से पूरी तरह भरा हुआ है जिसमें हंस रूपी आत्माएं मुक्ति रूपी मोती चुनती है। ‘ सबद’ में  संत कबीर निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी निष्ठा भाव को प्रकट करते हुए कहते हैं कि ईश्वर को मनुष्य अपने अज्ञान के कारण इधर-उधर ढूंढने का प्रयास करता है। वह नहीं जानता कि उसके अपने भीतर ही छिपा हुआ है।

उत्तर : -
क) जब ज्ञान रूपी आंधी बहने लगती है तब माया के द्वारा जीव को बहुत देर तक बांधकर नहीं रखा जा सकता। इससे मन की दुविधा रूपी दोनों खंबे गिर जाते हैं जिन पर दुविधा रूपी छप्पर टिकता है। छप्पर का आधारभूत मोह रूपी खंबा भी टूट गया है गया जिस कारण तृष्णा रूपी छप्पर भूमि पर गिर गया।

ख) ज्ञान की आंधी के बाद भगवान के प्रेम और अनुग्रह कि जो वर्षा हुई उससे भक्त पूरी तरह प्रभु प्रेम के रस में भीग गया। उनका अज्ञान पूरी तरह मिट गया।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
Answered by Brainlyaccount
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लेखक = कबीर जी हैं




जीवन परिचय कबीर जी का.



कबीर के जन्म और मृत्यु के बारे में अनेक की वंदना प्रचलित है कहा जाता है कि सन 1398 में काशी में उनका जन्म हुआ और सन 1518 के आसपास मगहर में देहांत . कबीर ने विधिवत शिक्षा नहीं पाई थी परंतु सत्संग पर्यटन तथा अनुभव से उन्होंने ज्ञान प्राप्त किया था .

भक्ति कालीन निर्गुण संत परंपरा के प्रमुख कवि कबीर की रचनाएं मुख्यतः कबीर ग्रंथावली में संग्रहित है किंतु कबीरपंथ में उनकी रचनाओं का संग्रह बीजक ही प्रमाणिक माना जाता है कुछ रचनाएं गुरु ग्रंथ साहब में भी संकलित हैं

कभी अत्यंत उदार निर्भय तथा सद्गृहस्थ संत थे राम और रहीम की एकता में विश्वास रखने वाले कवि ने ईश्वर के नाम पर चलने वाले हर तरह के पाखंड भेदभाव और कर्मकांड का खंडन किया उन्होंने अपने काव्य में धार्मिक और सामाजिक भेदभाव से मुक्त मनुष्य की कल्पना की ईश्वर प्रेम ज्ञान तथा वैराग्य गुरु भक्ति सत्संग और साधु महिमा के साथ आत्मबोध और जगत बोध की अभिव्यक्ति उनके काव्य में हुई है कबीर की भाषा की शुद्धता ही उनकी काव्यात्मकता की शक्ति है जनभाषा के निकट होने के कारण उनकी काव्य भाषा में दार्शनिक चिंतन को सरल ढंग से व्यक्त करने की ताकत है



पाठ=
साखियां और सबद





Question 13 .

answer 13



(क) यहां ज्ञान की आंधी के कारण मनुष्य के प्रभाव के फलस्वरुप मनुष्य के स्वार्थ रूपी बल्ली भी गिर गई इससे कामना रूपी छप्पर नीचे गिर गया .उसके मन की बुराइयां नष्ट हो गई और उसका मन साफ हो गया .

(ख) ज्ञान रूपी आदि के पश्चात भक्त रूपी जल की वर्षा हुई जिसके प्रेम में हरी के सब भक्त भीग गए . अर्थात ज्ञान की प्राप्ति के बाद मन शुद्ध हो जाता है.









आशा है यह उत्तर आपकी मदद करेगा












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