Question 16:
मेघ आए कविता की भाषा सरल और सहज है - उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter मेघ आए
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कवि ने आंचलिक भाषा में सजी-संवरी कविता को मुख्य रूप से खड़ी बोली में रचा है जिसमें ग्रामीण परिवेश अति सुंदर ढंग से प्रकट हुआ है; जैसे वर्ष के स्थान पर ‘बरस’ का प्रयोग कर भ्रम के स्थान पर ‘भरम’ का प्रयोग। भाषा अति सरल, सरस और सहज है , जैसे- मेघ आए बड़े बन-ठन के संवर के। गतिशील बिंब योजना तो मन को मोह लेने वाली है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे आंखों के सामने मेघ रूपी दामाद गांव में पधार गया हो जिस कारण हर प्राणी क्रियाशील हो उठा है। प्रतीकात्मकता का सहज स्वाभाविक रूप अति सार्थक और सटीक है। बूढ़ा पीपल, धूल ,अकुलाई लता, नदी ,ताल आदि में प्रतीकात्मकता है। चित्रात्मकता का रूप तो अद्भुत है - जैसे
पेड़ झुक जाने लगे गर्दन उचकाए,
आंधी चली धूल भागी घाघरा उठाएं,
बांकी चितवन उठा ,नदी ठिठकी, घूंघट सरके।
कवि ने ब्रजभाषा के शब्दों का प्रयोग कर भावों को स्वाभाविकता प्रदान की है। तद्भव तथा देशज शब्दों के साथ-साथ तत्सम शब्दावली का प्रयोग सहजता से हुआ है, जैसे - क्षितिज ,दामिनी ,क्षमा ,अश्रु, मेघ आदि।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
पेड़ झुक जाने लगे गर्दन उचकाए,
आंधी चली धूल भागी घाघरा उठाएं,
बांकी चितवन उठा ,नदी ठिठकी, घूंघट सरके।
कवि ने ब्रजभाषा के शब्दों का प्रयोग कर भावों को स्वाभाविकता प्रदान की है। तद्भव तथा देशज शब्दों के साथ-साथ तत्सम शब्दावली का प्रयोग सहजता से हुआ है, जैसे - क्षितिज ,दामिनी ,क्षमा ,अश्रु, मेघ आदि।
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