"Question 2 भाव स्पष्ट कीजिए − खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई
Class 10 - Hindi - कर चले हम फ़िदा Page 44"
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प्रसंग:प्रस्तुत पंक्तियां प्रसिद्ध गीतकार कैफी आजमी द्वारा रचित गीत कर चले हम फिदा से ली गई है। इस गीत पर उन्होंने सैनिकों के बलिदान के माध्यम से देशवासियों को देश पर मर मिटने के लिए प्रेरित किया।
व्याख्या:गीत की इन पंक्तियों में सैनिक देशवासियों को देश की रक्षा करने के लिए और अपने प्राणों का बलिदान करने के लिए प्रेरित करते हैं। वह कहते हैं कि हमें अपने देश में बुरी सोच से घुसने वाले दुश्मन रूपी रावण को आने से रोकना होगा। इसके लिए चाहे हमें अपने प्राणों काही बलिदान क्यों ना करना पड़े। जिस प्रकार से दुष्ट रावण को रोकने के लिए लक्ष्मण ने रेखा खींची थी हमें भी अपने खून से वैसे ही रेखा खींचकर दुश्मनों को रोकना होगा।
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आशा है कि यह आपकी मदद करेगा
व्याख्या:गीत की इन पंक्तियों में सैनिक देशवासियों को देश की रक्षा करने के लिए और अपने प्राणों का बलिदान करने के लिए प्रेरित करते हैं। वह कहते हैं कि हमें अपने देश में बुरी सोच से घुसने वाले दुश्मन रूपी रावण को आने से रोकना होगा। इसके लिए चाहे हमें अपने प्राणों काही बलिदान क्यों ना करना पड़े। जिस प्रकार से दुष्ट रावण को रोकने के लिए लक्ष्मण ने रेखा खींची थी हमें भी अपने खून से वैसे ही रेखा खींचकर दुश्मनों को रोकना होगा।
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Explanation:
इन अंशों का भाव है कि सैनिकों ने अंतिम साँस तक देश की रक्षा की। युद्ध में घायल हो जाने पर जब सैनिकों की साँसें रुकने लगती हैं अर्थात् अंतिम समय आने पर तथा नब्ज़ के रुक-रुककर चलने पर, कमज़ोर पड़ जाने पर भी उनके कदम नहीं रुकते, क्योंकि वे भारतमाता की रक्षा हेतु आगे बढ़ते रहते हैं और हँसते-हँसते अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं।
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