India Languages, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

Question 3:
अधोलिखितपदेषु प्रकृति − प्रत्ययविभागं कुरूत −
पदानि प्रकृति: प्रत्यय:
यथा गन्तुम् गम् + तुमुन्
(क) ज्ञातुम् --------------- + -------------
(ख) ग्रहीतुम् ----------- + -----------
(ग) पातुम् --------------- + -----------
(घ) श्रोतुम् ------------ + --------------
(ङ) भ्रमितुम् ------------ + ------------
Class 8 NCERT Sanskrit chapter सप्त भगिन्यः

Answers

Answered by nikitasingh79
112
प्रत्यय : शब्दों के अर्थों में परिवर्तन अथवा कुछ विशेषता लाने के लिए उनके परे जो वर्ण या शब्दांश जोड़े जाते हैं उन्हें प्रत्यय कहते हैं।

• संस्कृत में इनका विभाजन पांच भागों में किया गया है।

तिड् प्रत्यय , सुप्  प्रत्यय , कृत् प्रत्यय, तद्धित प्रत्यय , स्त्री प्रत्यय ।

कृत् प्रत्यय : कृत् प्रत्यय केवल धातु से ही जोड़े जाते हैं। इन पत्तियों को जोड़ने से जो शब्द बनता है उसे कृदन्त कहते हैं।

•कृदन्त प्रत्यय निम्न प्रकार के होते हैं :
क्त्वा  , तूमुन् , ल्यप् ।

उत्तराणि :-
(क)  ज्ञातुम् → ज्ञा  + तूमुन्
(ख)  ग्रहीतुम् → ग्र + तूमुन्
(ग)  पातुम् → पा  + तूमुन्
(घ) श्रोतुम् → श्रु    + तूमुन्
(ङ) भ्रमितुम् → भ्रम्   + तूमुन्

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Answered by GauravSaxena01
75
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अधोलिखितपदेषु प्रकृति − प्रत्ययविभागं कुरूत −
पदानि प्रकृति: प्रत्यय:
यथा गन्तुम् गम् + तुमुन्

Answer:-

प्रत्यय वे शब्द हैं जो दूसरे शब्दों के अन्त में जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार, शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं।


(क) ज्ञातुम् = ज्ञा + तुमुन्

(ख) ग्रहीतुम् = ग्रह् + तुमुन्

(ग) पातुम् = पा + तुमुन्

(घ) श्रोतुम् = श्रु + तुमुन्

(ङ) भ्रमितुम् = भ्रम् + तुमुन्
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