"Question 3 जब से कानून भंग का काम शुरू हुआ है तब से आज तक इतनी बड़ी सभा ऐसे मैदान में नहीं की गई थी और यह सभा तो कहना चाहिए कि ओपन लड़ाई थी।' यहाँ पर कौन से और किसके द्वारा लागू किए गए कानून को भंग करने की बात कही गई है? क्या कानून भंग करना उचित था? पाठ के संदर्भ में अपने विचार प्रकट कीजिए।
Class 10 - Hindi - डायरी का एक पन्ना Page 73"
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यहां अंग्रेज सरकार के द्वारा लोगों उस कानून को भंग करने की बात कही गई है जिसके अनुसार भारत वासियों को अपने देश का झंडा लहराने की आज्ञा नहीं थी। अंग्रेज सरकार के द्वारा लागू की कानून को 26 जनवरी 1931 को स्वतंत्रता दिवस मनाते समय भंग किया गया था। यह कानून भंग करना उचित था। ऐसे करने से देशवासियों के हृदय में स्वतंत्रता प्राप्त करने का उत्साह बढ़ गया था। लोगों में एकता का भाव जागृत हुआ अंग्रेज सरकार का मनोबल टूट गया।====================================================================================================================
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जब पुलिस कमिश्नर का नोटिस निकला कि अमुक-अमुक धारा के अनुसार कोई सभा नहीं हो सकती और सभा में भाग लेने वालों को दोषी समझा जाएगा, तो कौंसिल की तरफ़ से भी नोटिस निकाला गया कि मोनुमेंट के नीचे ठीक चार बजकर चौबीस मिनट पर झंडा फहराया जाएगा तथा स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा पढ़ी जाएगी। इस तरह से पुलिस कमिश्नर द्वारा सभा स्थगित करने जैसे लागू कानून को कौंसिल की तरफ़ से भंग किया गया था; जोकि उचित था, क्योंकि इसके बिना आज़ादी की आग प्रज्वलित न होती।
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