"Question 3 कवि ने चित्रात्मक शैली का प्रयोग करते हुए पावस ऋतु का सजीव चित्र अंकित किया है। ऐसे स्थलों को छाँटकर लिखिए।
Class 10 - Hindi - पर्वत प्रदेश में पावस Page 29"
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कवि ने चित्रात्मक शैली का प्रयोग करते हुए पावस ऋतु का सजीव चित्र अंकित किया है।
कविता में इन स्थलों पर चित्रात्मक शैली की छटा बिखरी हुई है।
क)मेखलाकार पर्वत अपारअपने सहस्र दृग-सुमन फाड़,
अवलोक रहा है बार-बारनीचे जल में निज महाकारजिसके चरणों में पला तालदर्पण फैला है विशाल!
ख)
गिरिवर के उर से उठ-उठ करउच्चाकांक्षाओं से तरुवरहैं झाँक रहे नीरव नभ परअनिमेष, अटल, कुछ चिंतापर।
ग)धँस गए धरा में सभय शाल!उठ रहा धुऑं, जल गया ताल!
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कविता में इन स्थलों पर चित्रात्मक शैली की छटा बिखरी हुई है।
क)मेखलाकार पर्वत अपारअपने सहस्र दृग-सुमन फाड़,
अवलोक रहा है बार-बारनीचे जल में निज महाकारजिसके चरणों में पला तालदर्पण फैला है विशाल!
ख)
गिरिवर के उर से उठ-उठ करउच्चाकांक्षाओं से तरुवरहैं झाँक रहे नीरव नभ परअनिमेष, अटल, कुछ चिंतापर।
ग)धँस गए धरा में सभय शाल!उठ रहा धुऑं, जल गया ताल!
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कवि ने चित्रात्मक शैली का प्रयोग करते हुए पावस ऋतु का सजीव चित्र अंकित किया है। कविता में इन स्थलों पर चित्रात्मक शैली की छटा बिखरी हुई है-
1. मेखलाकार पर्वत अपार
अपने सहस्र दृग-सुमन फाड़,
अवलोक रहा है बार-बार
नीचे जल में निज महाकार
जिसके चरणों में पला ताल
दर्पण फैला है विशाल!
2. गिरिवर के उर से उठ-उठ कर
उच्चाकांक्षाओं से तरुवर
हैं झाँक रहे नीरव नभ पर
अनिमेष, अटल, कुछ चिंतापर।
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