India Languages, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

Question 4:
कोष्ठकात् उचितं पद चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
(क) सुधा ......................... धनम् आनयति। (कोषात्/कोषेण)
(ख) गङ्गा ......................... प्रभवति। (हिमालयस्य/हिमालयात्)
(ग) ..................... आभूषणं विद्या। (नरात्/नरस्य)
(घ) ............................. जलं निर्मलम्। (अलकनन्दाया/अलकनन्दया)
(ङ) ............................. जनसंख्या। (नगरम्/नगरस्य)
Class 6 NCERT Sanskrit Chapter अङ्गुलीयकं प्राप्तम् (पञ्चमी-षष्ठीविभक्तिः)

Answers

Answered by nikitasingh79
40
*हम हिंदी भाषा में ने, को, के लिए का, में , पर आदि परसर्ग का प्रयोग करते हैं। यह परसर्ग शब्द से अलग रहते हैं किंतु संस्कृत भाषा में उसी अर्थ को दर्शाने के लिए विभिन्न शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

•संस्कृत भाषा में कोई भी शब्द अपने मूल रूप में वाक्य में प्रयुक्त नहीं होता है। वाक्य प्रयोग के समय उसमें रूपांतर आता है उसी को शब्द रूप कहते हैं। जैसे - छात्रः - एक छात्र, छात्रम् - छात्र को , छात्रेण - छात्र द्वारा, छात्राय - छात्र के लिए, छात्रात् - छात्र से इत्यादि।

(क) सुधा ............. धनम् आनयति। (कोषात्/कोषेण)।
उत्तराणि - सुधा कोषात् धनम् आनयति।

(ख) गङ्गा ............. प्रभवति। (हिमालयस्य/हिमालयात्)
उत्तराणि - गङ्गा हिमालयात् प्रभवति।

(ग) ..................... आभूषणं विद्या। (नरात्/नरस्य)
उत्तराणि - नरस्य आभूषणं विद्या।

(घ)........... जलं निर्मलम्। (अलकनन्दाया/अलकनन्दया)
उत्तराणि - अलकनन्दाया: जलं निर्मलम्।

(ङ) ..................... जनसंख्या। (नगरम्/नगरस्य)
उत्तराणि - नगरस्य जनसंख्या।

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Answered by Shreya2001
18
★ HERE IS YOUR ANSWER ★



(क) सुधा कोषात् धनम् आनयति। (कोषात्/कोषेण)

(ख) गङ्गा हिमालयात् प्रभवति। (हिमालयस्य/हिमालयात्)

(ग) नरस्य आभूषणं विद्या। (नरात्/नरस्य)

(घ) अलकनन्दाया: जलं निर्मलम्। (अलकनन्दाया/अलकनन्दया)

(ङ) नगरस्य जनसंख्या। (नगरम्/नगरस्य)



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