"Question 4 निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए − शेख अयाज़ के पिता बोले, 'नहीं, यह बात नहीं हैं। मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।' इन पंक्तियों में छिपी हुई उनकी भावना को स्पष्ट कीजिए।
Class 10 - Hindi - अब कहाँ दूसरे के दुख से ... Page 115"
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यह पंक्तियां पाठ ‘अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले’ से ली गई है इसके लेखक निदा फ़ाज़ली हैं।
इन पंक्तियों में शेख अयाज़ के पिता की प्राणी मात्र के प्रति करुणा की भावना व्यक्त हुई है। शेख अयाज़ के पिता शरीर पर चिपके च्योंटे को वापस उसके घर पहुंचा देते हैं। उन्हें इस बात का दुख था कि उन्होंने एक प्राणी को उसके घर से बेघर कर दिया है। उस बेघर हुए प्राणी के प्रति उनमें करुणा की भावना थी। इसी कारण वे भोजन छोड़कर पहले उस च्योंटे को कमरे में छोड़ने के लिए चल देते हैं।
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आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा
इन पंक्तियों में शेख अयाज़ के पिता की प्राणी मात्र के प्रति करुणा की भावना व्यक्त हुई है। शेख अयाज़ के पिता शरीर पर चिपके च्योंटे को वापस उसके घर पहुंचा देते हैं। उन्हें इस बात का दुख था कि उन्होंने एक प्राणी को उसके घर से बेघर कर दिया है। उस बेघर हुए प्राणी के प्रति उनमें करुणा की भावना थी। इसी कारण वे भोजन छोड़कर पहले उस च्योंटे को कमरे में छोड़ने के लिए चल देते हैं।
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Explanation:
शेख अयाज़ के पिता जीवों के प्रति दया भाव रखते थे। एक बार वे कुएँ से नहा करके वापस आए और खाना खाने बैठ गए। अभी वे पहला कौर उठाए ही थे कि उन्हें अपनी बाँह पर एक च्योंटा दिखाई दिया। वे भोजन छोड़कर उठ गए और च्योंटे को उसके घर (कुएँ के पास) छोड़ने चल पड़े। उन्होंने पत्नी से कहा कि इस बेघर को उसके घर छोड़कर भोजन करूंगा। उनके इस कथन में जीवों के प्रति संवेदनशीलता और दयालुता का भाव छिपा है।
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