Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

"Question 4 निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए − सभी क्रियाएँ इतनी गरिमापूर्ण ढंग से कीं कि उसकी हर भंगिमा से लगता था मानो जयजयवंती के सुर गूँज रहे हों।

Class 10 - Hindi - पतझर में टूटी पत्तियाँ Page 123"

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Answered by nikitasingh79
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यह पंक्तियां गिन्नी का सोना पाठ से ली गई है इसके लेखक रविंद्र केलेकर है।

लेखक के कहने का आशय है की जापानी विधि से चाय बनाने वाला व्यक्ति प्रत्येक कार्य अत्यंत गरिमापूर्ण ढंग से कर रहा था। उसकी क्रियाओं को देखकर ऐसा अनुभव हो रहा था मानो जयजयवंती नामक मधुर राग बज रहा हो। उनकी इन क्रियाओं को देख कर एक मधुरता और अपनेपन का एहसास होता था। चाय बनाने वाले व्यक्ति के समक्ष क्रियाओं एकदम गरिमापूर्ण एवं अनूठी थी जो मन को शांति प्रदान करती थी।================================================================================================================================
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
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