Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

Question 5:
भाव स्पष्ट कीजिए -
(क) बालू के साँपों से अंकितगंगा की सतरंगी रेती
(ख) हँसमुख हरियाली हिम-आतपसुख से अलसाए-से सोए
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter ग्राम श्री

Answers

Answered by nikitasingh79
34
सुमित्रानंदन पंत द्वारा चौथे दशक में लिखी गई कविता ‘ग्राम श्री’ प्राकृतिक सुषमा और समृद्धि का मनोरम वर्णन करने में सक्षम है। कवि ने वसंत ऋतु के आगमन और हरे हरे खेतों और प्रकृति की सुंदरता का मनोरम चित्रण किया है। खेतों में दूर तक लहलहाती फसलें, फल फूलों से लदी पेड़-पौधों की डालियां और गंगा की रेत कवि को गहराई से प्रभावित करती है।

उत्तर :-
क) गंगा किनारे दूर दूर तक फैली रेत धूप में सतरंगी आभा प्रकट करती है। जब गंगा की लहरें रेत को गीलाकर पीछे हट जाती हैं तो उन लहरियों के निशान सूखी  रेत पर सांपों के समान दिखाई देते हैं।

ख) शीत ऋतु के जाने और बसंत के के आगमन पर धूप में तेजी आने लगती है ।वातावरण में गर्मी बढ़ने लगती है। सर्दी से भयभीत सी वनस्पतियां भी सुख का अनुभव करने लगती है । ऐसा लगता है जैसे सर्दी की धूप को पाकर हंसमुख हरियाली भी सुस्ताने लगती है; उसे हल्की- हल्की नींद आने लगती है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
Answered by Anonymous
20
कविवर सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई 1900 को अल्मोड़ा के निकट कौसानी ग्राम में हुआ था इनके पिता का नाम पंडित गंगादत्त था जन्म के 6 घंटे पश्चात ही इनकी माता स्वर्ग सिधार गई अतः उनका लालन-पालन पिता तथा दादी ने किया उनकी प्रारंभिक शिक्षा कौसानी गांव में तथा उच्च शिक्षा का पहला चरण अल्मोड़ा में और बाद में बनारस के क्वींस कॉलेज में हुए इनका काव्यगत रीजन यही से हुआ उन्होंने स्वयं ही अपना नाम गुसाई दत्त से बदलकर सुमित्रानंदन पंत रखा काशी में पंत जी का परिचय सरोजिनी नायडू तथा रवींद्रनाथ ठाकुर के काव्य के साथ-साथ अंग्रेजी की रोमांटिक कविता से हुआ और यही पर इन्होंने कविता प्रतियोगिता में भाग लेकर प्रशंसा प्राप्त की सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित होने पर उनकी रचनाएं काव्य के हृदय में अपनी धाक जमाने 1950 ईस्वी में ऑल इंडिया रेडियो के पद पर नियुक्त हुए और अप्रत्यक्ष रूप से संबंध छायावाद के प्रमुख स्तंभों में से एक थे इन्होंने वर्ष 1916 से 1977तक साहित्य सेवा की 18 दिसंबर 1977 को प्रकृति का सुकुमार कवि पंचतत्व में विलीन हो गया



(क) प्रस्तुत पंक्ति का आशय यह है कि गंगा की रेती सूर्य की सप्तरंगी आभा से युक्त होकर लहरो के साथ लहराते
हुए सांपों जैसी प्रतीत हो रही है

(ख) प्रस्तुत पंक्ति का भाव है कि बसंत ऋतु में प्रसन्नचित्त हरियाली सर्दी की धूप में इस तरह आलस्य से युक्त हो गई है कि वह सोती सी जान पड़ती है

आशा है या उत्तर आपकी मदद करेगा
Similar questions