Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

"Question 7 लेखक के इस कथन से कि 'तीसरी कसम' फ़िल्म कोई सच्चा कवि-हृदय ही बना सकता था, आप कहाँ तक सहमत हैं? स्पष्ट कीजिए।

Class 10 - Hindi - तीसरी कसम के शिल्पकार �... Page 95"

Answers

Answered by nikitasingh79
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तीसरी कसम में भावनाओं और सम्वेदनाओं की दुखद अभिव्यक्ति है। फणीश्वर नाथ रेणु की साहित्यिक कृति पर आधारित इस फिल्म में शैलेंद्र में संवेदनशीलता को पूरी तीव्रता के साथ प्रस्तुत किया है। इस पूरी फिल्म में कोमल भावनाओं की प्रधानता है। ऐसी कोमल भावनाओं को एक कवि हृदय व्यक्ति ही भली प्रकार समझ सकता है और उंहें अच्छे तरीके से प्रस्तुत कर सकता है। कवि स्वभाव से अत्यंत संवेदनशील होते हैं वे दिल से काम लेते हैं दिमाग से नहीं। किसी कसम फिल्म में नायक और नायिका के मनोभावों को प्रस्तुत करने के लिए एक कवि हृदय की आवश्यकता थी। शैलेन एक भावुक कवि और गीतकार थे। वह उन कोमल अनुभूतियों को बारीकी से समझते थे और उन्हें प्रस्तुत करने में भी सक्षम थे। उनके कभी हृदय के कारण ही फिल्म तीसरी कसम का निर्माण संभव हो पाया। इस फिल्म में कोमल भावनाओं की प्रधानता होने के कारण ही लेखक ने कहा है कि इसे कोई सच्चा कभी हृदय ही बना सकता था। हम लेखक के कथन से पूरी तरह सहमत है।
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