Hindi, asked by sudirkumar3323, 17 days ago

र भाग हुए यथार्थ में क्य उत्तरः रचा हुआ यथार्थ वह यथार्थ है जिसे हम यथार्थ जीन के क्रम म हुआ यथार्थ वह यथार्थ है जो किसी दूसरे के द्वारा दिया गया है। प्रत्येक व्य यथार्थ का सृजन करता है और उसका कुछ हिस्सा दूसरों को दे देता है। यह नि भोगा हुआ यथार्थ है। यथार्थ के इस व्यापार को संसार कहते है। हर आदमी रचता है जिसमें वह जीता है और भोगता है। आदमी के होने की शर्त यह र जाता संसार ही है। दोनो यथार्थ का एक दूसरे से अन्योन्याश्रय संबंध है। एक ही दूसरे का अस्तित्व टिका है। यह एक द्वंद्वात्मक रिश्ता है, जिसमें दोनों एक है। दोनो ही एक-दूसरे की उत्पत्ति, विलोप के कारक है। 12. तिरिछ-उदय प्रकाश (1952--) प्रश्न 22. उदय प्रकाश की कहानी तिरिछ का सार-सारांश लिखिए। (20105,2 अथवा, लेखक उदय-प्रकाश के पिता के चरित्र का वर्णन करें। उत्तरः उदय प्रकाशजी ने पिछले दो दशकों में समसामयिक हिन्दी अग्रणी एवं महत्वपूर्ण लेखक की छवि और पहचान अर्जित की है। आजीविव दृष्टि से लगातार अनिश्चय, स्वास्थ्य के लिहाज से लगातार बदहाली झेलते हुए कवि-कथाकार ने अदभत जीवट से भरी सर्जनशीलता दिखाई है। उनके​

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Answered by 8408030900nitin
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Answer:

आपने जोभि लिखा है वह एकदम सहि है

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