India Languages, asked by samsuddin8t0, 8 months ago

'रूग्णातामाकर्ण्य' पदस्य सन्धिविच्छेदं कुरूत​

Answers

Answered by ananyametipatil
0

Answer:

sry dodont know plzz mark me as the brainliest

Answered by dhruv220605
2

Answer:

plz " FOLLOW " me....

plz " BRAINLIEST " me....

Explanation:

दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है वह विकार ही संधि कही जाती है।

दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है वह विकार ही संधि कही जाती है।जब स्वर का स्वर के साथ मेल होता है तो स्वर संधि, व्यंजन का स्वर से या व्यंजन से मेल होता है तो व्यंजन संधि तथा विसर्ग का स्वर अथवा व्यंजन से मेल होता तो विसर्ग संधि बनती है ।

दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है वह विकार ही संधि कही जाती है।जब स्वर का स्वर के साथ मेल होता है तो स्वर संधि, व्यंजन का स्वर से या व्यंजन से मेल होता है तो व्यंजन संधि तथा विसर्ग का स्वर अथवा व्यंजन से मेल होता तो विसर्ग संधि बनती है ।उत्तराणि :-

दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है वह विकार ही संधि कही जाती है।जब स्वर का स्वर के साथ मेल होता है तो स्वर संधि, व्यंजन का स्वर से या व्यंजन से मेल होता है तो व्यंजन संधि तथा विसर्ग का स्वर अथवा व्यंजन से मेल होता तो विसर्ग संधि बनती है ।उत्तराणि :-यथा - तत्रैव >> तत्र + एव

दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है वह विकार ही संधि कही जाती है।जब स्वर का स्वर के साथ मेल होता है तो स्वर संधि, व्यंजन का स्वर से या व्यंजन से मेल होता है तो व्यंजन संधि तथा विसर्ग का स्वर अथवा व्यंजन से मेल होता तो विसर्ग संधि बनती है ।उत्तराणि :-यथा - तत्रैव >> तत्र + एव१. भगवन्नयम्‌ >> भगवन् + अयम्।

दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है वह विकार ही संधि कही जाती है।जब स्वर का स्वर के साथ मेल होता है तो स्वर संधि, व्यंजन का स्वर से या व्यंजन से मेल होता है तो व्यंजन संधि तथा विसर्ग का स्वर अथवा व्यंजन से मेल होता तो विसर्ग संधि बनती है ।उत्तराणि :-यथा - तत्रैव >> तत्र + एव१. भगवन्नयम्‌ >> भगवन् + अयम्।२. श्वासश्च >>> श्वास: + च।

दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है वह विकार ही संधि कही जाती है।जब स्वर का स्वर के साथ मेल होता है तो स्वर संधि, व्यंजन का स्वर से या व्यंजन से मेल होता है तो व्यंजन संधि तथा विसर्ग का स्वर अथवा व्यंजन से मेल होता तो विसर्ग संधि बनती है ।उत्तराणि :-यथा - तत्रैव >> तत्र + एव१. भगवन्नयम्‌ >> भगवन् + अयम्।२. श्वासश्च >>> श्वास: + च।३. खल्वकृतज्ञा: >>> खलु‌ + अकृतज्ञा:।

दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है वह विकार ही संधि कही जाती है।जब स्वर का स्वर के साथ मेल होता है तो स्वर संधि, व्यंजन का स्वर से या व्यंजन से मेल होता है तो व्यंजन संधि तथा विसर्ग का स्वर अथवा व्यंजन से मेल होता तो विसर्ग संधि बनती है ।उत्तराणि :-यथा - तत्रैव >> तत्र + एव१. भगवन्नयम्‌ >> भगवन् + अयम्।२. श्वासश्च >>> श्वास: + च।३. खल्वकृतज्ञा: >>> खलु‌ + अकृतज्ञा:।४. सप्तैता: >>> सप्त + ऐता:।

दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है वह विकार ही संधि कही जाती है।जब स्वर का स्वर के साथ मेल होता है तो स्वर संधि, व्यंजन का स्वर से या व्यंजन से मेल होता है तो व्यंजन संधि तथा विसर्ग का स्वर अथवा व्यंजन से मेल होता तो विसर्ग संधि बनती है ।उत्तराणि :-यथा - तत्रैव >> तत्र + एव१. भगवन्नयम्‌ >> भगवन् + अयम्।२. श्वासश्च >>> श्वास: + च।३. खल्वकृतज्ञा: >>> खलु‌ + अकृतज्ञा:।४. सप्तैता: >>> सप्त + ऐता:।५. करोतीति >>> करोति + इति।

दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है वह विकार ही संधि कही जाती है।जब स्वर का स्वर के साथ मेल होता है तो स्वर संधि, व्यंजन का स्वर से या व्यंजन से मेल होता है तो व्यंजन संधि तथा विसर्ग का स्वर अथवा व्यंजन से मेल होता तो विसर्ग संधि बनती है ।उत्तराणि :-यथा - तत्रैव >> तत्र + एव१. भगवन्नयम्‌ >> भगवन् + अयम्।२. श्वासश्च >>> श्वास: + च।३. खल्वकृतज्ञा: >>> खलु‌ + अकृतज्ञा:।४. सप्तैता: >>> सप्त + ऐता:।५. करोतीति >>> करोति + इति।HOPE THIS WILL HELP YOU...

दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है वह विकार ही संधि कही जाती है।जब स्वर का स्वर के साथ मेल होता है तो स्वर संधि, व्यंजन का स्वर से या व्यंजन से मेल होता है तो व्यंजन संधि तथा विसर्ग का स्वर अथवा व्यंजन से मेल होता तो विसर्ग संधि बनती है ।उत्तराणि :-यथा - तत्रैव >> तत्र + एव१. भगवन्नयम्‌ >> भगवन् + अयम्।२. श्वासश्च >>> श्वास: + च।३. खल्वकृतज्ञा: >>> खलु‌ + अकृतज्ञा:।४. सप्तैता: >>> सप्त + ऐता:।५. करोतीति >>> करोति + इति।HOPE THIS WILL HELP YOU...4.7

Similar questions