रंगमंच के उद्भाव और विकास पर टिप्पणी 2000 शब्दो में
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हिंदी में अव्यवसायिक रंगमंच
का सूत्रपात 1868 ईस्वी में बनारस थिएटर के साथ हुआ। 1884 में बनारस में ' नेशनल थियेटर ' की स्थापना हुई। भारतेंदु के अंधेर नगरी का प्रथम मंचन नेशनल थियेटर में ही किया था। हिंदी रंगमंच के विकास में 'भारतेंदु नाटक मंडली' (1906) की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है।
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